देवास में पुलिस कस्टडी में दलित युवक की संदिग्ध मौत, थाना प्रभारी निलंबित, भीम आर्मी का हंगामा

पुलिस के मुताबिक युवक ने कमरे में फांसी लगा ली। कमरा और वह खिड़की देखने के बाद परिजन असंतुष्ट दिख रहे हैं। उनका कहना है कि 5 फीट की खिड़की में फांसी लगाना संभव नहीं है।

Updated: Dec 29, 2024, 03:22 PM IST

देवास। मध्य प्रदेश के देवास जिले के सतवास में पुलिस कस्टडी में एक दलित युवक की संदिग्ध मौत हो गई। शनिवार देर रात थाने का घेराव करने के बाद गुस्साए परिजन रविवार को भी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। परिजन के साथ आजाद समाज पार्टी के कई कार्यकर्ता भी शामिल हैं।

प्रशासन ने मामले में थाना प्रभारी आशीष राजपूत की गंभीर लापरवाही मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। पुलिस ने कुछ परिजन और आजाद समाज पार्टी के नेता सुनील अस्ते के साथ थाने के अंदर बातचीत की। एडिशनल एसपी ने उन्हें समझाया कि हर स्तर पर जांच हो रही है। सतवास थाना प्रभारी आशीष राजपूत को सस्पेंड कर दिया गया है। सारी कार्रवाई गाइडलाइन के अनुसार ही होगी।

पुलिस, परिजन को शव का पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए राजी करवाने में लगी है। परिजन को वो कमरा भी दिखाया गया जहां मुकेश ने फांसी लगाई थी। पुलिस ने कुछ सीसीटीवी फुटेज भी दिखाए हैं। कमरा और वह खिड़की देखने के बाद परिजन असंतुष्ट दिख रहे हैं। उनका कहना है कि 5 फीट की खिड़की में फांसी लगाना संभव नहीं है।

दरअसल, मालागांव के रहने वाले मुकेश पिता गबूलाल लोंगरे (35) के खिलाफ एक महिला ने 26 दिसंबर को मारपीट और गाली-गलौज की शिकायत की थी। इसी मामले में पुलिस ने शनिवार दोपहर में मुकेश को हिरासत में लिया था। शाम को ही उसकी मौत हो गई।

मुकेश के भांजे शिवराम ने पुलिस पर रिश्वत लेने और हत्या करने का आरोप लगाया। शिवराम ने बताया कि शनिवार शाम 4 बजे दो पुलिसकर्मी मामा को हमारे सामने लेकर गए थे। हमारे सामने ही उनके साथ मारपीट की गई। थाने पहुंचे तो ASI सिद्धनाथ सिंह बैस ने 6 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। हम पैसे लेकर लौटे तो मामा को मृत हालत में अस्पताल ले जाया जा रहा था।

घटना को लेकर कांग्रेस नेता अरुण यादव ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। यादव ने ट्वीट किया, 'मप्र में रक्षक ही भक्षक बन गए हैं, पुलिस अभिरक्षा में दलित युवक की मौत। देवास जिले के सतवास थाने में मुकेश पिता गबुलाल हरिजन निवासी ग्राम मालगांव उम्र 35 वर्ष की संदिग्ध मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की प्रताड़ना एवं मारपीट करने की वजह से मौत हो गई है, परिजनों सतवास थाने के सामने धरने पर बैठे है, उनकी मांग है कि उन्हें सीसीटीवी फुटेज दिखाएं उसके बाद ही शव परीक्षण कराएंगे। मेरी डीजीपी महोदय से मांग है कि सतवास थाना इंचार्ज समेत अन्य पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर इस मामले की निष्पक्षता से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करवाएं।'