आधुनिक भारत के प्रणेता राजीव गांधी को याद कर रहा कृतज्ञ राष्ट्र, 32वीं पुण्यतिथि पर वीर भूमि पहुंचीं सोनिया गांधी

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या को आज 32 साल पूरे हो गए। तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती हमलावर ने बम धमाका कर उनकी जान ले ली थी। यह हमला तब हुआ जब राजीव गांधी वहां एक चुनावी रैली को संबोधित करने गए थे।

Updated: May 21, 2023, 12:46 PM IST

नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और आधुनिक भारत के प्रणेता राजीव गांधी की आज 32वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर उन्हें पूरा देश याद कर रहा है। राजीव गांधी की पत्नी और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी के साथ वीर भूमि पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। 

राजीव गांधी के समाधि-स्थल वीर भूमि पर सुबह से नेताओं और उनके चाहने वालों का तांता लगा है। लोग भारत के सबसे उदार छवि वाले जननेता को कृतज्ञता के साथ याद कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव केसी वेणूगोपाल और पार्टी के अन्य नेताओं ने इस मौके पर राजीव गांधी स्मारक पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। 

राहुल गांधी ने इस मौके पर अपने पिता को याद करते हुए भावुक ट्वीट किया है। राहुल गांधी ने लिखा, "पापा, आप मेरे साथ ही हैं, एक प्रेरणा के रूप में, यादों में, सदा।"

वहीं, कांग्रेस पार्टी ने राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, "जीवन जीया देश की ख़ातिर
और किया कुर्बान था। हिंद हमेशा करे उन्नति,
यही तो एक अरमान था। देश के प्यारे 'राजीव' को कोटिशः नमन।"

राजीव गांधी एक दूरदर्शी नेता थे जिनकी नीतियों ने आधुनिक भारत को आकार देने में मदद की। वह एक दयालु और उदार शख्सियत थे। राजीव गांधी की हत्या को आज 32 साल पूरे हो गए। तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती हमलावर ने बम धमाका कर उनकी जान ले ली थी। यह हमला तब हुआ जब राजीव गांधी वहां एक चुनावी रैली को संबोधित करने गए थे। 

21 मई 1991 को रात तकरीबन 10 बजकर 15 मिनट पर राजीव गांधी रैली स्थल पर पहुंचे। वे कार की अगली सीट पर बैठे थे और उन्होंने उतरते ही सबका अभिवादन किया। मंच की ओर बढ़ते हुए एक महिला आत्मघाती हमलावर उन्हें माला पहनानी चाही, तो सब इंस्पेक्टर अनुसुइया ने उसे रोक दिया। हालांकि, राजीव गांधी के कहने पर उसे माला पहनाने के लिए आने दिया गया। धनु ने उन्हें माला पहनाई और जैसे ही वो उनके पैर छूने के लिए नीचे झुकी, उसने अपने कमर से बंधे बम का बटन दबा दिया। एक जोरदार धमाका हुआ और फिर सबकुछ सुन्न हो गया। इस धमाके ने राजीव गांधी की जान ले ली।