केरल सरकार का अहम फैसला, संविधान की प्रस्तावना को बनाया स्कूली पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा

संवैधानिक मूल्यों को स्थापित करने की दिशा में केरल सरकार का अहम फैसला, कक्षा एक से 10 तक की पाठ्यपुस्तकों में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा संविधान की प्रस्तावना

Updated: Jan 20, 2024, 09:55 AM IST

नई दिल्ली। स्कूली स्टूडेंट्स के जीवन में संवैधानिक मूल्यों को स्थापित करने की दिशा में केरल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों में संविधान की प्रस्तावना शामिल करने का फैसला लिया गया है। शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना को सभी पाठ्यपुस्तकों में प्रस्तावना के रूप में जोड़ी जाएगी।

राज्य के शिक्षामंत्री ने कहा कि पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में बच्चों के लिए इसे आत्मसात करने के लिए गतिविधियां होंगी। राष्ट्रीय स्तर पर, केरल वह राज्य है जो पाठ्यक्रम सुधार गतिविधियों को शीघ्रता से पूरा करता है। जब भी देश में अलोकतांत्रिक प्रथाएं होती हैं, हमने एकेडिमक रूप से उससे लड़ने की कोशिश की है। हम ऐसा करना जारी रखेंगे।

शिवनकुट्टी ने कहा कि यह पहली बार है कि संविधान की प्रस्तावना को हर पाठ्यपुस्तक की शुरुआत में शामिल और मुद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एलडीएफ सरकार ने शुरू से ही यह स्पष्ट कर दिया है कि दक्षिणी राज्य संवैधानिक मूल्यों को कायम रखते हुए सुधार गतिविधियों को आगे बढ़ाएगा।

शिक्षा मंत्री ने आगे बताया कि केरल राज्य स्कूल पाठ्यक्रम संचालन समिति ने कक्षा I, III, V, VII और IX के लिए व्यापक पाठ्यक्रम संशोधन में 173 पाठ्यपुस्तक शीर्षकों को मंजूरी दे दी है। पाठ्यक्रम सुधारों का हिस्सा अन्य कक्षाओं के लिए नई पाठ्यपुस्तकें शैक्षणिक वर्ष 2025-26 तक तैयार हो जाएंगी। इनमें पोक्सो नियमों, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों और वैज्ञानिक स्वभाव पर पाठ शामिल किए गए हैं।

इसके साथ ही खेल, अपशिष्ट समस्या, स्वच्छता, नागरिक जागरूकता, समान न्याय पर आधारित लिंग जागरूकता, वैज्ञानिक जागरूकता, POCSO नियम, कृषि, लोकतांत्रिक मूल्य, धर्मनिरपेक्षता पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा हैं। 5 से 10 वीं कक्षा के छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाएगी। इसमें पर्यटन, कृषि, आईटी, कपड़ा और कौशल विकास शामिल हैं। इससे कम उम्र से ही बच्चों में काम करने का रवैया विकसित करने में मदद मिलेगी।