यूपीआई सर्विस फिर हुई ठप, पेमेंट और फंड ट्रांसफर में दिक्कतों से जूझ रहे यूजर्स
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में एक बार फिर तकनीकी गड़बड़ी की खबर सामने आई है। देशभर में बड़ी संख्या में यूजर्स को डिजिटल पेमेंट करते समय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
 
                                        यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में एक बार फिर तकनीकी गड़बड़ी की खबर सामने आई है। देशभर में बड़ी संख्या में यूजर्स को डिजिटल पेमेंट करते समय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार दोपहर तक वेबसाइटों, सेवाओं, और ऐप्स के काम करने की स्थिति की वास्तविक समय की जानकारी देने वाले प्लेटफॉर्म डाउनडिटेक्टर पर 2,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें अधिकतर शिकायतें फंड ट्रांसफर और पेमेंट फेल होने से जुड़ी थीं। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बताया कि तकनीकी दिक्कतों के कारण कुछ यूपीआई ट्रांजैक्शन फेल हो रहे हैं और वे इस समस्या को जल्द से जल्द ठीक करने पर काम कर रहे हैं।
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब यूपीआई सेवाएं प्रभावित हुई हैं। मार्च और अप्रैल की शुरुआत में भी दो बार यूपीआई सेवाएं ठप हो चुकी हैं। 26 मार्च को करीब ढाई घंटे तक यह सेवा बाधित रही थी, जिसके कुछ ही दिन बाद 2 अप्रैल को फिर से यूजर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उस समय अधिकांश शिकायतें फंड ट्रांसफर और पेमेंट फेलियर से संबंधित थीं। इस तकनीकी रुकावट का असर गूगल पे, फोनपे, पेटीएम जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म्स के साथ-साथ कई बैंकों की मोबाइल बैंकिंग सेवाओं पर भी पड़ा। यूजर्स ने दुकानों और कैश काउंटर्स पर पेमेंट न हो पाने की शिकायत की और खुद को असहज स्थिति में पाया।
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बीते 20 दिनों में यह तीसरी बार है जब ट्रांजैक्शन में समस्या आई है। शनिवार को करीब डेढ़ घंटे तक यूपीआई सेवाएं डाउन रहीं, जिसमें सबसे ज्यादा परेशानी सुबह 11:30 से दोपहर 12:30 बजे के बीच हुई। डाउनडिटेक्टर के अनुसार, 72% यूजर्स को पेमेंट करने में, 27% को फंड ट्रांसफर और करीब 1% को खरीदारी में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, 2019 के अंत में यूपीआई का कुल डिजिटल पेमेंट में हिस्सा 34% था, जो 2024 के अंत तक बढ़कर 83% हो गया है। दूसरी ओर, RTGS, NEFT, IMPS और कार्ड पेमेंट जैसे अन्य माध्यमों की हिस्सेदारी घटकर सिर्फ 17% रह गई है। ऐसे में अगर यूपीआई तकनीकी रूप से मजबूत नहीं रहेगा, तो देश में डिजिटल लेन-देन करने वाली आम जनता को बार-बार परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
भारत में RTGS और NEFT का संचालन RBI करता है, जबकि IMPS, RuPay और UPI जैसे सिस्टम NPCI द्वारा ऑपरेट किए जाते हैं। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से यूपीआई ट्रांजैक्शन पर जीरो चार्ज फ्रेमवर्क लागू किया था। यूपीआई के जरिए यूजर्स वर्चुअल पेमेंट एड्रेस बनाकर बैंक अकाउंट से लिंक करते हैं और मोबाइल नंबर या UPI ID के माध्यम से आसानी से पैसे भेज सकते हैं। इसके अलावा यूटिलिटी बिल, ऑनलाइन शॉपिंग और अन्य लेन-देन भी यूपीआई से संभव हैं।




 
                             
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
                                    
                                 
                                     
                                     
                                     
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								