NCERT ने बदला सिलेबस, मुगल साम्राज्य से जुड़े चैप्टर हटे, कांग्रेस शासनकाल भी नहीं पढ़ाया जाएगा

एनसीईआरटी द्वारा इतिहास और राजनीति शास्त्र की किताबों के सिलेबस में बदलाव किया गया है। इसके तहत मुगल साम्राज्य से जुड़े चैप्टर हटाए गए हैं।

Updated: Jun 17, 2023, 07:28 AM IST

नई दिल्ली। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने सिलेबस में कुछ बदलाव किया है। मुगल साम्राज्य से जुड़े कुछ अध्‍याय अब सीबीएसई और यूपी बोर्ड के 12वीं कक्षा के छात्रों के इतिहास के पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं होंगे। मुगल इतिहास के साथ-साथ नागरिक शास्त्र का सिलेबस भी बदला गया है। फिराक और निराला की रचनाएं भी अब पाठ्यक्रम में नजर नहीं आएंगी। 

NCERT के आला अफसरों ने इस बात की पुष्टि की है कि उनकी किताबों में इतिहास के कुछ पाठ बदले और हटाए गए हैं। इनमें मुख्य तौर पर मुगल इम्परर चैप्टर को हटाया गया है यानी अब छात्र मुगल साम्राज्य का इतिहास नहीं पढ़ेंगे। इस सिलेबस के मुताबिक अब सभी बोर्ड जहां एनसीईआरटी की किताबें चलती हैं, वे इस नये नियम को मानेंगे। मुख्य तौर पर सीबीएसई बोर्ड के सिलेबस में बदलाव होगा। इसके अलावा यूपी बोर्ड ने भी कई एनसीईआरटी की किताबें इंट्रोड्यूज की हैं, वहां भी ये बदलाव लागू होगा।

बताया जा रहा है कि ये बदलाव एकेडमिक सेशन 2023-24 से लागू होगा। अपडेटेड क्यूरिकुलम के मुताबिक एनसीईआरटी ने 'किंग्स एंड क्रॉनिकल्स; मुगल दरबार (सी. 16वीं और 17वीं सदी)' इतिहास की किताब 'थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री-पार्ट II' से हटा दिए हैं। हिस्ट्री के साथ ही एनसीईआरटी ने सिविक्स के सिलेबस में भी बदलाव किया है। 

एनसीईआरटी ने 'विश्व राजनीति में अमेरिकी आधिपत्य' और 'द कोल्ड वॉर एरा' जैसे चैप्टर हटा दिए हैं। इसके अलावा, कक्षा 12वीं की 'स्वतंत्रता के बाद भारतीय राजनीति' पाठ्य पुस्तक से 'लोकप्रिय आंदोलनों का उदय' और 'एकदलीय प्रभुत्व का युग' (Era of one party dominance) अध्याय हटा दिए गए हैं। यह अध्याय मुख्य रूप से आजादी के बाद कांग्रेस शासनकाल से जुड़ा हुआ है।

11वीं की इतिहास की किताब से 'सेंट्रल इस्लामिक लैंड' और 'कान्फ्रन्टेशन ऑफ़ कल्चर्स' पाठ हटा दिए गए है। 10वीं की राजनीति शास्त्र की किताब से 'डेमोक्रेसी ऐंड डाइवर्सिटी' और 'पॉपुलर स्ट्रगल्स ऐंड मूवमेंट्स' हटा दिए गए हैं। एनसीईआरटी के इस कदम की सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हो रही है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या मुगल इतिहास हटाने के बाद अब पीएम मोदी लाल किला की प्राचीर से झंडा नहीं फहराएंगे?