उद्योगपति अनिल अंबानी से जुड़े 50 ठिकानों पर ED की छापेमारी, 3000 करोड़ के यस बैंक लोन मामले में कार्रवाई

यस बैंक से लिए 3000 करोड़ रुपए के लोन धोखाधड़ी मामले में गुरुवार, 24 जुलाई को की गई ये रेड दिल्ली और मुंबई में चल रही है।

Updated: Jul 24, 2025, 03:47 PM IST

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़े करीब 50 ठिकानों और कंपनियों पर छापेमारी की। यस बैंक से लिए 3000 करोड़ रुपए के लोन धोखाधड़ी मामले में गुरुवार, 24 जुलाई को की गई ये रेड दिल्ली और मुंबई में चल रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये कार्रवाई सीबीआई की ओर से दर्ज दो एफआईआर और सेबी, नेशनल हाउसिंग बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (एनएफआरए) जैसी एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर की गई है।

मामला साल 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा अनिल अंबानी से जुड़ी रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को दिए गए करीब 3,000 करोड़ रुपए के लोन से जुड़ा है। ईडी की शुरुआती जांच में पता चला है कि इन लोन्स को कथित तौर पर फर्जी कंपनियों और ग्रुप की अन्य इकाइयों में डायवर्ट किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि यस बैंक के बड़े अधिकारियों को शायद रिश्वत दी गई है।

ईडी का कहना है कि ये एक "सोचा-समझा और सुनियोजित" प्लान था, जिसके तहत बैंकों, शेयरहोल्डर्स, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को गलत जानकारी देकर पैसे हड़पे गए। जांच में कई तरह की गड़बड़ियां भी पकड़ी गईं। ईडी की प्रारंभिक जांच में बैंकों, शेयरधारकों, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को धोखा देकर जनता के पैसे की हेराफेरी करने का खुलासा हुआ है।

छापेमारी की खबर के बाद अनिल अंबानी की दो प्रमुख कंपनियों, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों में 5% तक की गिरावट आई है। बता दें कि इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस और खुद अनिल अंबानी को फ्रॉड घोषित किया था। SBI का कहना है कि RCom ने बैंक से लिए गए 31,580 करोड़ रुपए के लोन का गलत इस्तेमाल किया। इसमें से करीब 13,667 करोड़ रुपए दूसरी कंपनियों के लोन चुकाने में खर्च किए। 12,692 करोड़ रुपए रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर किए गए।