मोबाइल में संचार साथी ऐप की अनिवार्यता पर रार, प्रियंका गांधी ने बताया जासूसी ऐप

प्रियंका गांधी ने कहा कि साइबर सिक्योरिटी की जरूरत है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह आपको हर नागरिक के फ़ोन में जाने का बहाना दे।

Updated: Dec 02, 2025, 12:23 PM IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सभी कंपनियों को मोबाइल हैंडसेट में संचार साथी ऐप पहले से इंस्टॉल करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद मोबाइल ऐप को लेकर संग्राम छिड़ गया है। विपक्ष ने मोबाइल ऐप को प्राइवेसी उल्ल्ंघन बताकर केंद्र सरकार को घेरा है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने संचार साथी ऐप को एक जासूसी ऐप, हास्यास्पद और निजता के अधिकार का हनन बताया है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि इस तरह का आदेश नागरिकों की निजता के अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने परिवार तथा दोस्तों को बिना डर के मैसेज भेजने का, बातचीत करने का अधिकार है, सरकार को हर बात देखना नहीं चाहिए।

प्रियंका गांधी ने कहा, 'वो इस देश को हर रूप में तानाशाही में बदलना चाहते हैं। संसद इसलिए काम नहीं कर पा रहा है क्योंकि वो किसी भी बात पर चर्चा नहीं करना चाहते। विपक्ष को दोष देना बहुत आसान है। एक स्वस्थ लोकतंत्र चर्चा की मांग करता है।' कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि फ्रॉड की रिपोर्ट करने और यह देखने के बीच बहुत पतली लाइन है कि भारत का हर नागरिक अपने फोन पर क्या कर रहा है। इस तरह से काम नहीं करना चाहिए। फ्रॉड की रिपोर्ट करने के लिए एक असरदार सिस्टम होना चाहिए।

बता दें कि दूरसंचार विभाग ने मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों को निर्देश दिया है कि अगले 90 दिनों के भीतर भारत में बनने या आने वाले सभी नए मोबाइल फोन में ‘संचार साथी’ ऐप पहले से इंस्टॉल होना चाहिए। यह ऐप धोखाधड़ी वाली कॉल, खोए फोन और आईएमईआई नंबर की जांच करने में मदद करता है। पहले से बिक रहे फोन में सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह ऐप इंस्टॉल किया जाएगा। कंपनियों को 120 दिन के भीतर बताना होगा कि उन्होंने इस नियम का पालन किया है। नियम तोड़ने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलिकम्युनिकेशन (डीओटी) ने कहा है कि स्मार्टफोन निर्माता इस बात को सुनिश्चित करें कि ऐप को न तो डीएक्टिवेट किया जाए और न ही इस पर किसी तरह की पाबंदियां लगें। एक बयान में डीओटी ने कहा कि यह क़दम "नागरिकों को नकली हैंडसेट ख़रीदने से बचाने और दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को समझने में मदद के लिए उठाया गया है।

मामले पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि निजता का अधिकार संविधान में दिया गया मूलभूत अधिकार है और ये दिशा निर्देश इसकी अवहेलना करते हैं। उन्होंने कहा कि निजता का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का एक अभिन्न अंग है। वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'मोबाइल में पहले से इंस्टॉल सरकारी ऐप जिसे हटाया नहीं जा सकता, दरअसल हर भारतीय नागरिक की निगरानी का टूल है। यह हर नागरिक की गतिविधियों और फ़ैसले पर नज़र रखेगा।'