Infosys के खिलाफ पांचजन्य ने उगला था जहर, बवाल बढ़ने के बाद पलटी RSS, मुखपत्र से कर लिया किनारा
आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य ने देश की दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी Infosys के खिलाफ उगला था जहर, कंपनी को बताया था टुकड़े-टुकड़े गैंग का हिस्सा, राष्ट्रविरोधी ताकतों से संबंध रखने का लगाया था आरोप

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मुखपत्र पांचजन्य ने देश की दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी Infosys के खिलाफ जहर उगला है। पांचजन्य ने कहा है कि इंफोसिस टुकड़े-टुकड़े गैंग का हिस्सा है। हालांकि, मामले पर बवाल बढ़ने के बाद आरएसएस अपने विचारों से पलट गई है। इतना ही नहीं संघ ने हास्यास्पद तरीके से अपने मुखपत्र पांचजन्य से भी किनारा कर लिया है।
दरअसल, आरएसएस से जुड़ी पांचजन्य पत्रिका ने 4 पन्ने की एक कवर स्टोरी प्रकाशित की है। स्टोरी का शीर्षक है 'साख और आघात'। इसमें पांचजन्य ने लिखा है की कंपनी राष्ट्रविरोधी ताकतों के साथ जुड़ी हुई है साथ ही नक्सलियों, वामपंथियों और टुकड़े-टुकड़े गैंग की सहयोगी है। इतना ही नहीं पांचजन्य ने यह भी दावा किया है कि इंफोसिस राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को सपोर्ट कर रही है।
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पांचजन्य के मुताबिक Infosys उन न्यूज़ वेबसाइट्स को फंडिंग करती है जो दुष्प्रचार फैलाते हैं। साथ ही वैसे संगठनों को भी फंडिंग देने का आरोप लगाया है जो जातिगत घृणा फैलाने का काम करते हैं। पत्रिका ने पूछा है कि इस कंपनी को यदि टेंडर मिलेंगे तो क्या उसमें चीन और पाकिस्तान का प्रभाव नहीं होगा? पत्रिका के संपादक हितेश शंकर ने भी ट्वीट कर कहा है कि इंफोसिस को बताना चाहिए कि कम्पनी साफ्टवेयर बनाती है या सामाजिक आक्रोश की इंजीनियरिंग करती है।'
Infosys should clarify whether the company makes software or does engineering of social outrage!@Infosys को बताना चाहिए कि कम्पनी साफ्टवेयर बनाती है या सामाजिक आक्रोश की इंजीनियरिंग करती है!#panchjanya@PMOIndia@Infosys
— Hitesh Shankar (@hiteshshankar) September 4, 2021
Read Panchjanya, 05 Sep 2021 https://t.co/pzCXy7bxFU https://t.co/k1JBrtbeZZ
पांचजन्य के इस कवर स्टोरी को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चौतरफा किरकिरी हो रही है। आर्थिक जानकार, विपक्षी नेताओं समेत बुद्धिजीवियों ने इसपर तल्ख टिप्पणियां की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, 'पहले भाजपा के मंत्री श्री रतन टाटा जी को राष्ट्र भक्ति का पाठ पढ़ाते हैं। और अब संघ का पाँचजन्य Infosys जो कि भारत की IT सेक्टर की सबसे प्रसिद्ध भारतीय कंपनी को राष्ट्र विरोधी कह रहे हैं। मुझे Pastor Martin Niemoller की “First they came..” कविता याद आती है।'
इस पूरे मामले पर बवाल बढ़ने के बाद आरएसएस के विचार में भी तत्काल बदलाव आया है। आरएसएस ने न सिर्फ देश के विकास में इंफोसिस के योगदान को स्वीकार किया है बल्कि अपने मुखपत्र से ही किनारा कर लिया है। आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा है कि, 'भारतीय कंपनी के नाते इंफोसिस का भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान है।इंफोसिस संचालित पोर्टल को लेकर कुछ मुद्दे हो सकते हैं परंतु पान्चजन्य में इस संदर्भ में प्रकाशित लेख,लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार हैं,तथा पांचजन्य संघ का मुखपत्र नहीं है। अतः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को इस लेख में व्यक्त विचारों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।'
भारतीय कंपनी के नाते इंफोसिस का भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान है।इंफोसिस संचालित पोर्टल को लेकर कुछ मुद्दे हो सकते हैं परंतु पान्चजन्य में इस संदर्भ में प्रकाशित लेख,लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार हैं,तथा पांचजन्य संघ का मुखपत्र नहीं है।@editorvskbharat
— Sunil Ambekar (@SunilAmbekarM) September 5, 2021
क्यों निशाने पर है Infosys?
दरअसल, केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स भरने के लिए इंफोसिस को एक पोर्टल डेवलप करने का टेंडर दिया था। अब कहा जा रहा है कि कंपनी ने जिस पोर्टल को बनाया है उसमें कई खामियां हैं। मसलन यह काफी स्लो है और रेस्पांड भी नहीं करती। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले में कंपनी के CEO को भी बुलाया था। इसके पहले भी सरकार शिकायत की थी और आश्वासन के बावजूद खामियों को ठीक नहीं किया जा सका। अब वित्त मंत्री ने इंफोसिस को इसे ठीक करने के लिए 15 सितंबर तक की डेडलाइन दी है।