सावरकर ने दो राष्ट्र का सिद्धांत दिया और जिन्ना ने उसे आगे बढ़ाया, विभाजन की वर्षगांठ पर बोली कांग्रेस
देश के विभाजन को लेकर बीजेपी ने वीडियो जारी कर जवाहर लाल नेहरू को बताया जिम्मेदार, कांग्रेस बोली- सावरकर ने दो राष्ट्र का सिद्धांत दिया था, देश को बांटने का प्रयास अब भी जारी है

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल ऐलान किया था कि अब से हर साल 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। पीएम मोदी समेत बीजेपी के बड़े नेता आज सुबह से विभाग विभीषिका को लेकर ट्वीट कर रहे हैं। इतना ही नहीं बीजेपी ने एक वीडियो जारी कर देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इसपर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि दो राष्ट्र का सिद्धांत सावरकर ने दिया था।
दरअसल, बीजेपी ने अपने आधिकारी हैंडल से एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें Cyril John Radcliffe को दिखाया गया है, जिनके विभाजन के नक्शे ने पंजाब और बंगाल को लगभग आधे हिस्से में विभाजित कर दिया था। पूरे वीडियो में नेहरू के दृश्य दिखाए गए हैं। इस वीडियो को ट्वीट करते हुए भाजपा ने लिखा कि, 'जिन लोगों को भारत की सांस्कृतिक विरासत, सभ्यता, मूल्यों, तीर्थों का कोई ज्ञान नहीं था, उन्होंने मात्र तीन सप्ताह में सदियों से एक साथ रह रहे लोगों के बीच सरहद खींच दी। उस समय कहां थे वे लोग जिन पर इन विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ संघर्ष करने की जिम्मेदारी थी?'
जिन लोगों को भारत की सांस्कृतिक विरासत, सभ्यता, मूल्यों, तीर्थों का कोई ज्ञान नहीं था, उन्होंने मात्र तीन सप्ताह में सदियों से एक साथ रह रहे लोगों के बीच सरहद खींच दी।
— BJP (@BJP4India) August 14, 2022
उस समय कहाँ थे वे लोग जिन पर इन विभाजनकारी ताक़तों के ख़िलाफ़ संघर्ष करने की ज़िम्मेदारी थी?#विभाजन_विभीषिका pic.twitter.com/t1K6vInZzQ
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने इसपर पलटवार करते हुए लिखा कि, '14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने के पीछे प्रधानमंत्री की वास्तविक मंशा सबसे दर्दनाक ऐतिहासिक घटनाओं को अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना है। लाखों लाख लोग विस्थापित हुए और जानें गईं। उनके बलिदानों को भुलाया या अपमानित नहीं किया जाना चाहिए।'
2. बंटवारे की त्रासदी का दुरुपयोग नफरत और पूर्वाग्रह की भावना को भड़काने के लिए नहीं होना चाहिए। सच ये है कि सावरकर ने दो राष्ट्र का सिद्धांत दिया और जिन्ना ने इसे आगे बढ़ाया। पटेल ने लिखा था, "मुझे लगता है कि अगर विभाजन स्वीकार नहीं किया गया, तो भारत कई टुकड़ों में बंट जाएगा"।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 14, 2022
उन्होंने आगे लिखा कि, 'बंटवारे की त्रासदी का दुरुपयोग नफरत और पूर्वाग्रह की भावना को भड़काने के लिए नहीं होना चाहिए। सच ये है कि सावरकर ने दो राष्ट्र का सिद्धांत दिया और जिन्ना ने इसे आगे बढ़ाया। पटेल ने लिखा था, "मुझे लगता है कि अगर विभाजन स्वीकार नहीं किया गया, तो भारत कई टुकड़ों में बंट जाएगा"। क्या प्रधानमंत्री आज जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भी याद करेंगे, जिन्होंने शरत चंद्र बोस की इच्छा के खिलाफ बंगाल के विभाजन का समर्थन किया था, और स्वतंत्र भारत के पहले कैबिनेट में शामिल हुए, जब विभाजन के दर्दनाक परिणाम स्पष्ट रूप से सामने आ रहे थे?'
4. देश को बांटने के लिए आधुनिक दौर के सावरकर और जिन्ना का प्रयास आज भी जारी है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस गांधी, नेहरू, पटेल और अन्य नेताओं की विरासत को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्र को एकजुट करने का प्रयास जारी रखेगी। नफरत की राजनीति हारेगी।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 14, 2022
जयराम रमेश ने आगे लिखा कि, 'देश को बांटने के लिए आधुनिक दौर के सावरकर और जिन्ना का प्रयास आज भी जारी है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस गांधी, नेहरू, पटेल और अन्य नेताओं की विरासत को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्र को एकजुट करने का प्रयास जारी रखेगी। नफरत की राजनीति हारेगी।'