स्तब्ध और शर्मिंदा हूं, गाजा में युद्ध विराम के प्रस्ताव पर भारत के रुख को लेकर प्रियंका गांधी की तल्ख टिप्पणी

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया, जिसमें इज़रायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था, जिससे शत्रुता समाप्त हो सके।

Updated: Oct 28, 2023, 11:31 AM IST

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में संघर्ष-विराम का आह्वान करने वाले प्रस्ताव पर मतदान से भारत ने दूरी बना ली। इसे लेकर केंद्र सरकार की तीखी आलोचना हो रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भारत के इस रुख पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं हैरान और शर्मिंदा हूं।

प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर महात्मा गांधी के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि, 'आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है। मैं स्तब्ध और शर्मिंदा हूं कि हमारा देश गाजा में संघर्ष-विराम के लिए हुए मतदान में अनुपस्थित रहा। हमारे देश की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी। इन सिद्धांतों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। ये सिद्धांत संविधान का आधार हैं, जो हमारी राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हैं। वे भारत के उस नैतिक साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य के रूप में उसके कदमों का मार्गदर्शन किया है।'

प्रियंका गांधी ने आगे लिखा, 'जब मानवता के हर कानून को नष्ट कर दिया गया है, लाखों लोगों के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा आपूर्ति, संचार और बिजली काट दी गई है और फलस्तीन में हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, तब रुख अपनाने से इनकार करना और चुपचाप देखना गलत है।' प्रियंका ने कहा कि यह उन सभी चीजों के विपरीत है, जिनके लिए एक राष्ट्र के रूप में भारत हमेशा खड़ा रहा है।

बता दें कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया, जिसमें इज़रायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था, ताकि शत्रुता समाप्त हो सके। संयुक्त राष्ट्र के इस प्रस्ताव के पक्ष में 120 वोट और विरोध में केवल 14 वोट पड़े। वहीं भारत, कनाडा, जर्मनी और ब्रिटेन समेत 45 देशों ने इस मतदान प्रक्रिया से खुद को बाहर रखा। संयुक्त राष्ट्र में इस संवेदनशील मुद्दे पर दुनिया बंटी हुई साफ नजर आई, लेकिन शांति का हिमायती देश भारत का प्रस्ताव से गैरहाजिर रहने का फैसला कई मामलों में चौंकाने वाला है।