दो सीटों पर चुनाव लड़ने से रोकने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया ख़ारिज, कहा, इसके लिए संसद का रुख करें

यह याचिका भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की थी, जिसे सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने खारिज कर दिया

Publish: Feb 02, 2023, 11:15 AM IST

नई दिल्ली। एक साथ दो सीटों पर चुनाव लड़ने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका को ख़ारिज करते हुए याचिकाकर्ता को संसद का रुख करने की नसीहत तक दे डाली।

दरअसल यह याचिका बीजेपी नेता व अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की थी। याचिका में रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट, 1951 के सेक्शन 33 की संवैधानिकता पर प्रश्न खड़ा किया गया था। 

इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने यह दलील दी थी कि एक से अधिक सीट पर चुनाव लड़ने से धन का काफी व्यय होता है साथ ही मतदाताओं को भी काफ़ी समस्या होती है। जबकि इसी एक्ट के सेक्शन 70 में यह प्रावधान है कि कोई व्यक्ति एक समय पर एक ही क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर सकता है।

याचिकाकर्ता ने अपनी दलील को मज़बूत करने के लिए एक उदाहरण देते हुए बताया कि पहले एक उम्मीदवार दो से अधिक सीटों पर भी चुनाव लड़ सकता था लेकिन 1996 में नियम में परिवर्तन कर इसे अधिकतम दो सीटों तक सीमित कर दिया गया। लेकिन सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि परिवर्तन का काम विधायिका का ही है। 

दरअसल भारत में इस समय एक उम्मीदवार एक साथ विधानसभा या लोकसभा की दो सीटों पर चुनाव लड़ सकता है। हालांकि दोनों सीटों पर जीत हासिल कर लेने की स्थिति में प्रत्याशी को किसी एक सीट से इस्तीफा देना पड़ता है। जिसके बाद उस सीट पर दोबारा चुनाव होते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ख़ुद 2014 में वाराणसी और वडोदरा से चुनावी मैदान में उतरे थे। दोनों सीटों से जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने वडोदरा की अपनी सीट छोड़ दी थी।