कूनो नेशनल पार्क में बिना वर्किंग प्लान के बसाए गए थे चीते, CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
दो साल पहले पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए थे चीते, इस प्रोजेक्ट पर जो 44 करोड़ रुपए व्यय किये गए, वह स्वीकृत प्रोजेक्ट में नहीं थे।
श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क में दो साल पहले आज ही के दिन चीतों को छोड़ा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए खुद चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ने आए थे। हालांकि, लगातार हो रही चीतों की मौत के बाद प्रोजेक्ट चीता सवालों के घेरे में है। इसी बीच अब सीएजी की रिपोर्ट ने इस प्रोजेक्ट को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है।
कूनो नेशनल पार्क में चीता बसाने के बाद की ऑडिट रिपोर्ट में मप्र महालेखाकार ने चीता प्रबंधन पर चिंता जताई है। सीएजी के मुताबिक कूनो नेशनल पार्क में बिना किसी वर्किंग प्लान के चीते बसाए गए थे। इतना ही नहीं इस प्रोजेक्ट पर जो 44 करोड़ रुपए व्यय किये गए, वह स्वीकृत प्रोजेक्ट में नहीं थे।
कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र और राज्य के विभागों के बीच समन्वय की कमी रही है। पार्क के वर्किंग प्लान में एशियाई शेर बसाना भी था, जिनको बसाने के प्रयास नहीं हुए। रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ्रीका से चीतों के आने के बावजूद, 2020-2030 के लिए पार्क की प्रबंधन योजना में और चीते लाने का कोई जिक्र नहीं है।
अगस्त 2019 से नवंबर 2023 तक की अवधि के ऑडिट में बताया गया कि जिन डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने चीता बसाने का प्रशिक्षण द. अफ्रीका जाकर लिया, उन्हें यहां से हटा दिया गया। जबकि कार्ययोजना अनुसार 5 साल तक किसी को नहीं हटाना था। रिपोर्ट में पदों की कमी का भी जिक्र किया गया है।
बता दें कि कूनो नेशनल पार्क को गिर के शेरों का दूसरा घर बनाया जाना था। यहां पर एशियाटिक लायन लाए जाने थे। इसे लेकर पालपुर रियासत के वंशजों ने कोर्ट में अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। उन्होने अपनी जमीन की मांग करते हुए कहा था कि जिस जमीन और किले के इर्द गिर्द चीते लाए जा रहे हैं उसे शेरों के लिए अधिग्रहित किया गया था।