राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे पर टिकी दुनिया की निगाहें, 25 से ज्यादा समझौतों पर लगेगी मुहर

भारत और रूस के बीच स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप साझेदारी है। इसके तहत दोनों देश लंबे समय से एक-दूसरे से हथियार, तकनीक और रक्षा सहयोग करते आए हैं।

Updated: Dec 05, 2025, 09:05 AM IST

नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय दौरे पर 4 दिसंबर को गुरुवार शाम करीब 7 बजे भारत पहुंचे। उनके साथ 7 मंत्रियों का बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी आया है। मोदी और पुतिन आज शाम बिजनेस फोरम को भी संबोधित करेंगे। रात में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुतिन के सम्मान में स्टेट डिनर देंगी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी और पुतिन के बीच आज दो अहम बैठकें होने वाली हैं। इनमें से एक बैठक बंद कमरे में होगी। दोनों नेताओं की द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान भारत और रूस के बीच 25 से ज्यादा समझौतों पर मुहर लगेगी। पुतिन का आज सुबह 9 बजे राष्ट्रपति भवन में राजकीय स्वागत किया जाएगा। इसके बाद वे राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे।

पुतिन हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में शाामिल होंगे। इस बैठक में कुछ प्रमुख बिजनेसमैन भी शामिल हो सकते हैं। इस शिखर वार्ता में रक्षा सहयोग बढ़ाने, द्विपक्षीय व्यापार को बाहरी दबावों से सुरक्षित रखने और छोटे ‘मॉड्यूलर रिएक्टर' के क्षेत्र में संभावित सहयोग पर विशेष ध्यान दिए जाने की संभावना है। माना जा रहा है इस वार्ता पर पश्चिमी देशों की पैनी निगाह रहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी हैदराबाद हाउस में पुतिन और उनके प्रतिनिधिमंडल के लिए दोपहर के भोज की भी मेजबानी करेंगे। इससे पहले कल शाम प्रधानमंत्री मोदी खुद पुतिन को एयरपोर्ट पर रिसीव करने पहुंचे। दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया। मोदी और पुतिन एक ही गाड़ी में बैठकर एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री आवास पहुंचे।

भारत और रूस के बीच 'स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप' साझेदारी है। इसके तहत दोनों देश लंबे समय से एक-दूसरे से हथियार, तकनीक और रक्षा सहयोग करते आए हैं। इसी रिश्ते के तहत Su-57 और S-500 जैसे आधुनिक हथियारों पर बात आगे बढ़ाई जा सकती है। भारतीय एयरफोर्स इस समय फाइटर जेट्स की कमी झेल रही है और उसके पास पहले से ही 200 से ज्यादा रूसी फाइटर जेट हैं।

यह रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन का पहला भारत दौरा है। उम्मीद जताई जा रही है कि युद्ध खत्म करने को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हो सकती है। कई कारणों से मोदी-पुतिन बैठक पर अमेरिका, चीन सहित दुनिया के तमाम देशों की पैनी नजर है। एक ओर यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका और यूरोपीय देश भारत पर रूस के साथ व्यापार कम करने का दबाव बना रहे हैं। ताजा उदाहरण के रूप में ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति सामने आई है। अमेरिका भारत पर मनमाने टैरिफ लगाकर रूस पर भारत की ऊर्जा निर्भरता को कम करने का प्रयास कर रहा है। हालांकि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हित और जनता के हित को सर्वोपरि रखेगा।