ट्विटर ने लॉक किया रविशंकर प्रसाद का अकाउंट, सस्पेंड करने की दी चेतावनी

रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर बताया है कि उनके अकाउंट का एक्सेस एक घंटे के लिए छीन लिया गया था, इसके लिए कंपनी ने अमेरिकन कॉपीराइट नियमों का हवाला दिया है

Updated: Jun 25, 2021, 11:14 AM IST

Photo Courtesy : Deccan Herald
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार में सूचना प्रसारण एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया है कि ट्विटर ने उनके अकांउट को एक घंटे के लिए बंद कर दिया था। इतना ही नहीं प्रसाद ने बताया है कि कंपनी ने यह कदम अमेरिकी कॉपीराइट नियमों के तहत किया है। हैरानी की बात यह है कि कंपनी ने भारतीय आईटी मिनिस्टर को चेतावनी दी है कि उन्होंने यदि नियमों का पालन नहीं किया तो भविष्य में उनका अकाउंट परमानेंटली सस्पेंड किया जा सकता है।

प्रसाद ने ट्वीट कर दो स्क्रीनशॉट पोस्ट किया है जिसमें उनके अकाउंट एक्ससेस छिन जाने और दुबारा एक्सेस मिलने की जानकारी दी गई है। इसमें कंपनी की ओर से अकाउंट लॉक करने का कारण यह बताया गया है कि प्रसाद के अकाउंट पर एक कंटेंट की पोस्टिंग को लेकर उन्हें डिजिटल मिल्लेनियम कॉपीराइट एक्ट के तहत शिकायत मिली है। ट्विटर ने कहा है कि हम कॉपीराइट नियमों को बनाए रखने के लिए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

इतना ही नहीं ट्वीटर ने भारतीय कानून मंत्री को चेतावनी भी दी है। कंपनी ने कहा है कि यदि वे नियमों का बार-बार उल्लंघन करेंगे तो उनका अकाउंट सस्पेंड भी कर दिया जाएगा। कंपनी के मुताबिक भविष्य में उन्हें यदि डिजिटल मिल्लेनियम कॉपीराइट एक्ट के तहत नोटिस आता है तो रविशंकर प्रसाद को अपने ट्वीटर अकाउंट से हाथ धोना पड़ेगा।

कार्रवाई से भड़के रविशंकर प्रसाद

ट्विटर के इस कार्रवाई के बाद रविशंकर प्रसाद की बौखलाहट स्पष्ट देखी जा सकती है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कंपनी भारतीय कानूनों को मानने से इनकार कर रही है। प्रसाद ने ट्वीट किया, 'ट्विटर की कार्रवाई भारतीय आईटी के नियमों के खिलाफ है। अकाउंट लॉक करने से पहले कंपनी ने मुझे कोई नोटिस नहीं दिया। कंपनी की कार्रवाई से स्पष्ट है कि वे फ्रीडम ऑफ स्पीच की पक्षधर नहीं है। बल्कि अपना एजेंडा चलाने में रुचि रखती है।' 

रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा है कि, 'चाहे कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म हो, उन्हें नए आईटी नियमों का पूरी तरह से पालन करना ही होगा। भारत सरकार उस पर कोई समझौता नहीं करेगी।' इस पूरे घटनाक्रम पर ट्विटर की ओर से खबर लिखे जाने तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।