दुनिया का सबसे खूबसूरत ट्यूलिप गार्डन 64 किस्मों के करीब 15 लाख फूलों से हुआ गुलजार

श्रीनगर स्थित फेमस ट्यूलिप गार्डन में लगा सैलानियों का तांता, 30 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैले एशिया के सबसे बड़े गार्डन में 64 किस्मों के करीब 15 लाख फूलों को अनोखे डिजाइन्स में लगाया गया है, सौ से ज्यादा माली करते हैं देखभाल

Updated: Mar 26, 2021, 06:44 PM IST

Photo Courtesy: twitter
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श्रीनगर। एशिया का सबसे बड़ा और फेमस ट्यूलिप गार्डन इस साल गुरूवार से दर्शकों के लिए खोल दिया गया है। यह गार्डन करीब 23 महीनों बाद खुला है। मार्च 2020 में कोरोना की वजह से इसे नहीं खोला गया था। यह गार्डन 30 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैला है। यहां 64 किस्मों के करीब 15 लाख ट्यूलिप लगे हैं। इन ट्यूलिप्स में से कुछ प्रजातियां देशी हैं और कई विदेशों से मंगवाई गई हैं।

यह ट्यूलिप गार्डन जबरवान पहाड़ों की तलहटी में और डल झील के किनारे 5,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। श्रीनगर का यह ट्यूलिप गार्डन दुनिया का 5वां सबसे खूबसूरत गार्डन है।

इस साल ट्यूलिप गार्डन का नजारा हर साल से अलग नजर आ रहा है। इस बार अलग डिजाइन में ट्यूलिप  लगाए गए हैं। आगामी 3 अप्रैल को ट्यूलिप फेस्टिवल का आयोजन करने का ऐलान भी किया गया है। गार्डन की सैर करने बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं।

कश्मीर में लोगों की आय का मुख्य जरिया टूरिज्म है,  ट्यूलिप गार्डन को कश्मीर के टूरिज्म के लिए वरदान माना जाता है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों से अधिक से अधिक संख्या में विजिट करने की अपील की थी।

मौसम के जानकारों का कहना है कि इस साल कश्मीर का मौसम बहुत अच्छा है। इस मौसम में ट्यूलिप अपने पूरे शबाब पर है। और गार्डन भी अपनी खूबसूरती बिखेर रहा है। माना जा रहा है कि जैसे जैसे कश्मीर के मौसम में सुधार होगा ट्यूलिप के फूल और ज्यादा खिलेंगे।

बताया जा रहा है कि इस सीजन में हुई बर्फबारी से बागवानी करने वालों को फायदा हुआ है। बर्फबारी की वजह से ट्यूलिप के फूल अच्छी तरह से पनपे हैं। ज्यादा सर्दियों में ट्यूलिप फूलों के रंग में अच्छा निखार आता है। गौरतलब है कि अक्टूबर में ट्यूलिप बल्ब लगाए जाते हैं। जब बर्फबारी होती है तब इनकी जड़ों और तनों को ताकत मिलती है।

इस ट्यूलिप गार्डन का मेंटेनेंस 100 से अधिक माली करते हैं। जो कि लगातार 6 महीने काम करते हैं। भारी बर्फबारी के बीच ट्यूलिप बल्ब का रखरखाव बहुत मुश्किल होता है। कश्मीर घाटी में फूलों की खेती और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद की पहल पर खोला गया था।