लंबे समय तक ईयरबड्स का इस्तेमाल सुनने की क्षमता को कर सकता है कमजोर, युवाओं में बढ़ रही समस्या

ईयरबड्स का अत्यधिक और तेज़ आवाज़ में इस्तेमाल सुनने की क्षमता को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे कान की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं और संक्रमण, दर्द व खुजली जैसी समस्याएं भी बढ़ती हैं। युवाओं और ऑफिस कर्मचारियों में यह आदत आम हो गई है, जिससे अस्पतालों में ऐसे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

Updated: Jun 18, 2025, 04:36 PM IST

Photo courtesy: Total Tv
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आज की आधुनिक जीवनशैली में ईयरबड्स और ईयरफोन हमारी रोजमर्रा की ज़रूरत बन चुके हैं। चाहे दफ्तर हो, सफर हो या फिर आराम का समय, लोग लगातार इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन सुविधा और फैशन के नाम पर हम जो आदतें अपना रहे हैं, वे धीरे-धीरे हमारी सुनने की शक्ति को नुकसान पहुंचा रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तेज़ आवाज़ में और लंबे समय तक ईयरबड्स का उपयोग सुनने की कोशिकाओं को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है, और जब तक इसका असर दिखता है, तब तक स्थिति गंभीर हो सकती है।

ईयरबड्स का अत्यधिक उपयोग केवल सुनने की क्षमता को ही नहीं, बल्कि कान में दर्द, खुजली, वैक्स जमा होने और संक्रमण जैसी परेशानियों को भी जन्म देता है। यदि इन्हें नियमित रूप से साफ न किया जाए, तो इनमें बैक्टीरिया और फंगस पनप सकते हैं, जिससे गंभीर कान संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

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कॉर्पोरेट दफ्तरों और कॉल सेंटर्स में काम करने वाले कर्मचारी, जो दिन में 10 से 12 घंटे तक ईयरबड्स का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें भविष्य में दीर्घकालिक सुनने की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, दूसरों के ईयरबड्स का इस्तेमाल संक्रमण फैलाने का एक बड़ा कारण बन सकता है, क्योंकि ये सीधे कान के अंदरूनी हिस्से से संपर्क में आते हैं।

बाजार में इनकी मांग दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। मोबाइल विक्रेताओं का कहना है कि अब हर कुछ घंटों में एक ईयरबड्स बिक रहा है, खासकर युवाओं में यह एक आम आदत बन चुकी है।

सरकारी और निजी अस्पतालों में ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जहां युवा कानों में दर्द, चिड़चिड़ापन और सुनने की क्षमता में कमी जैसी शिकायतों के साथ पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार रोज़ाना 3 से 4 लोग ऐसे मिल रहे हैं, जिन्हें ईयरबड्स या हेडफोन के अत्यधिक उपयोग से समस्याएं हो रही हैं। 80 डेसिबल से ज्यादा आवाज़ और लगातार दो घंटे से अधिक सुनना बेहद हानिकारक माना जा रहा है।

विशेषज्ञों की सलाह है कि ईयरबड्स का इस्तेमाल सीमित समय के लिए किया जाए। आवाज़ की मात्रा 60 प्रतिशत से ज्यादा न हो और एक बार में एक घंटे से ज्यादा उपयोग से बचा जाए। बीच-बीच में 5 से 10 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। साथ ही, ईयरबड्स की सफाई नियमित रूप से करना और उन्हें किसी के साथ साझा न करना भी बेहद ज़रूरी है। ओवर-ईयर हेडफोन या स्पीकर मोड जैसे विकल्पों को अपनाना एक सुरक्षित उपाय हो सकता है।