नेपाल के बाद अब मोरक्को में Gen Z का उग्र प्रदर्शन, 160 कारें फूंकी, 263 पुलिसकर्मी घायल

मोरक्को की नई पीढ़ी अपने देश में बदलाव लाने के लिए सड़कों पर उतर आई है। मोरक्को में GenZ आंदोलन उग्र हो चला है, अब तक 160 से अधिक कारों में आग लगा दी गई है। 263 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और 400 लोग गिरफ्तार हुए हैं।

Updated: Oct 02, 2025, 12:20 PM IST

रबात। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में युवाओं के अपनी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने का सिलसिला जारी है। बांग्लादेश, नेपाल, पेरू, मेडागास्कर के बाद अब मोरक्को में विरोध-प्रदर्शन और हिंसा का दौर देखा जा रहा है। मोरक्को में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी बुधवार को लगातार पांचवीं रात सड़कों पर उतरे हैं। विरोध प्रदर्शन में हिंसा और तोड़फोड़ के बाद सुरक्षाबलों ने बल प्रयोग किया है और सैकड़ों की संख्या में गिरफ्तारियां की गई हैं। 

जेन जेड युवाओं का ग्रुप स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर सड़कों पर उतरा है। पांच दिन से चल रहे प्रदर्शनों में हिंसा भड़क उठी है। 160 गाड़ियां आग के हवाले हो चुकी हैं, 263 पुलिसकर्मी घायल हैं, 400 से ज्यादा गिरफ्तार और 300 लोग चोटिल हो चुके हैं। युवा 2030 फीफा वर्ल्ड कप पर अरबों के खर्च से नाराज हैं, जबकि स्कूल-हॉस्पिटल बदहाल हैं। प्रदर्शन के कारण पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस प्रदर्शन की शुरुआत सरकार के 2030 के विश्व कप की तैयारी में बेतहाशा खर्च के विरोध के तौर पर हुई, जो अब देशव्यापी रूप ले चुका है। मुस्लिम बाहुल्य देश मोरक्को में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कोई बड़ा नेता या संगठन नहीं कर रहा है। इंटरनेट के जरिए युवाओं ने इसे चलाया है, ऐसे में इसे मोरक्को का जनरेशन जेड प्रदर्शन कहा जा रहा है। यह मोरक्को में पिछले कुछ वर्षों में हुए सबसे बड़े प्रदर्शनों में से एक बन गया है। पुलिस अधिकारियों की तमाम कोशिशों के बावजूद सभी प्रमुख शहरों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर हैं।

मोरक्को के जेन जेड विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले युवा देश में व्यापक भ्रष्टाचार पर नाराज हैं। प्रदर्शनकारियों ने खासतौर से साल 2030 के विश्व कप की तैयारी के लिए अरबों डॉलर के खर्च पर सवाल उठाए हैं। युवाओं का कहना है कि स्कूलों और अस्पतालों के पास फंड नहीं है और सरकार फीफी की तैयारी में अरबों डॉलर बहा रही है। बढ़ती मंहगाई और नौकरियां ना मिलना भी इस प्रदर्शन के मुद्दों में शामिल हैं।

मोरक्को की राजधानी रबात में प्रदर्शनों के दौरान भारी हिंसा देखी गई हैं। यहां कारों, बैंकों और दुकानों में आग लगने की घटनाएं बड़े पैमाने पर हुई हैं। आयोजकों का कहना है कि स्वास्थ्य, शिक्षा और सम्मानजनक जीवन का अधिकार कोई खोखला नारा नहीं है, यह एक गंभीर मांग है। सरकार अगर इस पर ध्यान नहीं देगी तो आने वाले समय में चीजें और खराब हो सकती हैं।