फ़िल्मी दुनिया के सबसे बड़े सम्मान के लिए चुनी गयीं वहीदा रहमान, दादा साहब फाल्के पुरस्कार का ऐलान
छह दशक तक एक से एक नायाब फ़िल्मों में अपने किरदारों का लोहा मनवा चुकीं वहीदा रहमान को सरकार ने फ़िल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना गया है। खुद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी दी है। इससे पहले सात महिला एक्ट्रेस को यह पुरस्कार दिया जा चुका है
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हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय से करोड़ों दर्शकों का दिल जीतनेवाली अभिनेत्री वहीदा रहमान को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए फिल्म जगत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना गया है। 53वें फिल्म पुरस्कार की घोषणा करते हुए खुद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने खुशी जतायी है।
दादा साहब फाल्के सम्मान का ऐलान करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 'मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी और सम्मान महसूस हो रहा है कि मशहूर अभिनेत्री वहीदा रहमान को भारतीय सिनेमा में उनके शानदार योगदान के लिए इस साल प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।'
वहीदा रहमान अपने दौर की लीडिंग एक्ट्रेस रही हैं। उन्होंने फिल्म प्यासा, कागज के फूल, चौदहवीं का चांद, गाइड जैसी बड़ी फिल्मों में काम किया। लगभग छह दशक के फिल्मी करियर में उन्होंने अपने किरदारों को परफेक्शन के साथ निभाया। उन्हें फिल्म रेश्मा और शेरा के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिला। वे पद्म श्री और पद्म भूषण से भी सम्मानित की जा चुकी हैं। और अब उन्हें सिनेमा का सबसे बड़ा अवॉर्ड देने की घोषणा हुई है।
दादा साहब फालके पुरस्कार पानेवाले वहीदा रहमान आठवीं कलाकार हैं। सबसे पहले यह पुरस्कार 1969 में देविका रानी को मिला था। इसके अलावा रूबी मेयर्स, कानन देवी, दुर्गा खोटे, लता मंगेश्कर, आशा भोसले, आशा पारेख को यह पुरस्कार दिया जा चुका है। वहीदा रहमान को 53वें अवार्ड के लिए चुना गया है।
वहीदा ने 1955 में तेलुगु फिल्म से अपने करियर की शुरूआत की थी। लेकिन उनकी हिन्दी फिल्में लोगों के दिलों पर कालजयी असर करनेवाली साबित हुईं। एक के बाद एक हिट फिल्में देनेवाली वहीदा रहमान अपने दौर की सबसे खूबसूरत और टैलेंटेड अभिनेत्री मानी जाती रहीं। गाइड फिल्म में रोज़ी के उनके किरदार को भारतीय सिनेमा में महिला क्रांति की शुरूआत के तौर पर देखा जाता है।
बता दें आज हिंदी फ़िल्मों के सदाबहार एक्टर देवानंद का भी 100वां जन्म दिवस है। आज ही के दिन यानी 26 सितंबर 1923 को अविभाजित पंजाब के गुरदासपुर जिले (अब नारोवाल जिला, पाकिस्तान) के शकरगढ़ तहसील में जन्में देवानंद को साल 2002 में सिनेमा जगत का सबसे सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया गया था। वहीं, अब लगभग 21 साल बाद देवानंद की फिल्म ‘गाइड’ में नजर आईं मशहूर अदाकारा वहीदा रहमान को इस साल दादा साहेब फाल्के सम्मान के लिए चुना गया है।