बगैर रजिस्ट्रेशन चल रहा था रीवा का सजीवन अस्पताल, प्रशासन ने किया सील, डॉक्टरों के खिलाफ FIR
रीवा में बिना पंजीयन चल रहे सजीवन हॉस्पिटल एवं चेस्ट केयर सेंटर को प्रशासन ने सील किया। जांच में अस्पताल के पास वैध दस्तावेज नहीं मिले थे।

रीवा। रीवा शहर में सजीवन हॉस्पिटल एवं चेस्ट केयर सेंटर नामक एक निजी अस्पताल बिना वैध पंजीयन और आवश्यक दस्तावेजों के चलाया जा जा रहा था। कलेक्टर प्रतिभा पाल के निर्देश पर शनिवार को प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने सजीवन हॉस्पिटल एवं चेस्ट केयर सेंटर को सील कर दिया। जांच में पाया गया कि अस्पताल के पास न तो वैध पंजीयन था और न ही आवश्यक दस्तावेज हैं। कलेक्टर के आदेश पर संजय गांधी अस्पताल में पदस्थ सह प्राध्यापक डॉ. मुकेश तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश भी सीएमएचओ को दिए गए हैं। बताया गया है कि यह अस्पताल उनकी पत्नी के नाम पर चलाया जा रहा था।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि अस्पताल देखने में किसी बड़े संस्थान जैसा था लेकिन वास्तव में यहां ओपीडी, एक्स-रे और अन्य जांच सुविधाएं बिना पंजीयन के चलाई जा रही थी। परिसर के भीतर दवाइयां भी बेची जा रही थीं जबकि वहां कोई फार्मासिस्ट मौजूद नहीं था। यह सभी बातें स्वास्थ्य नियमों का सीधा उल्लंघन मानी गईं।
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दो दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल के लिए इस विषय में नोटिस जारी किया था और जांच के लिए अधिकारी भी भेजे थे। उस समय अस्पताल प्रबंधन ने टीम के साथ अभद्र व्यवहार किया जिसके बाद मामला और गंभीर हो गया। इस कारण प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने वहां पहुंचकर कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान एसडीएम डॉ. अनुराग तिवारी, नायब तहसीलदार यतीश शुक्ल और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मौके पर पंचनामा तैयार कर अस्पताल को सील कर दिया गया। कार्रवाई कलेक्टर प्रतिभा पाल के निर्देश पर की गई थी।
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छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चों की मौत की घटना के बाद पूरे प्रदेश की प्रशासन वैसे ही अलर्ट पर है। इसी सिलसिले में रीवा जिले में मेडिकल स्टोर्स और निजी अस्पतालों की विशेष जांच की जा रही है। बिना फार्मासिस्ट संचालित मेडिकल दुकानों को सीज किया जा रहा है और गैर पंजीकृत अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, रीवा के कई गली-मोहल्लों में नियमों को नजरअंदाज कर निजी नर्सिंग होम, छोटे अस्पताल और रिसर्च सेंटर चलाए जा रहे थे। इन सभी संस्थानों की जांच जारी है और नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई की गई। एसडीएम डॉ. अनुराग तिवारी ने मामले पर बात करते हुए कहा कि यह अस्पताल बिना किसी अधिकृत पंजीयन के चलाया रहा था जो गंभीर लापरवाही है। कलेक्टर के निर्देश पर डॉ. मुकेश तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश सीएमएचओ को दिए गए हैं।