कोल्ड ड्रिंक्स सेहत के लिए हानिकारक, कोक की एक कैन घटा सकती है जीवन के 12 मिनट
कोक पीने के 40 मिनट बाद शरीर में ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोल्ड ड्रिंक्स, विशेष रूप से कोका-कोला जैसी मीठी और कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

आज की जीवनशैली में कोल्ड ड्रिंक्स और फास्ट फूड का अत्यधिक चलन हो गया है, चाहे वह जन्मदिन की पार्टी हो या दोस्तों के साथ आउटिंग। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये आपके शरीर पर क्या असर डालते हैं? ब्रिटेन के पूर्व फार्मासिस्ट नीरज नाइक, जो 'दी रेनिगेड फार्मासिस्ट' नामक ब्लॉग चलाते हैं, ने कोक पीने के बाद शरीर में होने वाले प्रभावों को उजागर किया है। उनके अनुसार, कोक के 330 मिलीलीटर केन में लगभग 10 चम्मच चीनी होती है, जो एक दिन में निर्धारित मात्रा से ढाई गुना अधिक है। इतनी अधिक मात्रा में चीनी शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है, लेकिन कोक में मौजूद फास्फोरिक एसिड इसके तीव्र स्वाद को छुपा देता है, जिससे लोग इसे आसानी से पी जाते हैं।
कोक पीने के 40 मिनट बाद शरीर में ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है और कैफीन का असर दिखाई देने लगता है। एक घंटे के भीतर यह पूरी तरह से शरीर में हावी हो जाता है और यदि इसे नियमित रूप से पिया जाए, तो यह आदत में बदल जाता है। यह केवल उच्च फ्रुक्टोज सिरप नहीं है, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोल्ड ड्रिंक्स, विशेष रूप से कोका-कोला जैसी मीठी और कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। एक रिसर्च में पाया है कि कोक की एक कैन का सेवन जीवन प्रत्याशा को लगभग 12 मिनट तक कम कर सकता है, जिसका मुख्य कारण इसमें मौजूद उच्च मात्रा में चीनी और अस्वास्थ्यकर योजक हैं। हालाँकि, एक बार इसका सेवन सीधे नुकसान नहीं पहुंचाता। लेकिन नियमित रूप से इसका सेवन मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आप अपने दिल, दिमाग और समग्र सेहत की परवाह करते हैं, तो अगली बार कोक की बोतल खोलने से पहले इसके नुकसान को जरूर याद करें। न्यूट्रीशनिस्ट एला आलरेड के अनुसार, कोक से जुड़े ये तथ्य चौंकाने वाले हैं और यह समझना जरूरी है कि इसका सेवन क्यों कम किया जाना चाहिए। संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से दीर्घकालिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है और गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है।