इस समय में किताब : प्रियदर्शन और अनामिका की 'आईनासाज़'
विश्व पुस्तक दिवस पर 23 अप्रैल से हम एक श्रृंखला आरंभ कर रहे हैं – इस समय में किताब। इस श्रृंखला में किताबों और हमारे समय में उनकी उपादेयता पर चर्चा होगी।
प्रख्यात पत्रकार, कथाकार, उपन्यासकार प्रियदर्शन ने कहा कि ऐसे समय में जब हम अपने चारों तरफ कोरोना से ज्यादा घातक घृणा का वायरस अपनी कोशिकाओं में फैलता देख रहे हैं तब अनामिका का उपन्यास ‘आईनासाज़’ बड़ी राहत की तरह है। यह उपन्यास बड़े हिस्से में अमीर खुसरो की कहानी है जिसने सूफी परंपरा बड़ी शानदार और समृद्ध सांगीतिक अभिव्यक्ति दी। प्रियदर्शन ने इस उपन्यास के महत्वपूर्ण अंश को हमारे लिए पढ़ा।