कोरबा में जंगली हाथियों की दहशत, 24 घंटे में दो महिलाओं को उतारा मौत के घाट
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में जंगली हाथियों के हमले से 24 घंटे में दो महिलाओं की मौत हो गई। अलग-अलग गांवों में हुए इन हमलों ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी है।
कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 24 घंटों के भीतर अलग-अलग घटनाओं में हाथियों के हमले से दो महिलाओं की जान चली गई। दोनों ही मामले कटघोरा वन मंडल के अलग-अलग वन क्षेत्रों से सामने आए हैं।
ताजा घटना गुरुवार तड़के कटघोरा वन मंडल के जटगा वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बिंझरा गांव की है। यहां सुबह करीब पांच बजे शौच के लिए जंगल गई 35 वर्षीय मीना पर अचानक एक जंगली हाथी ने हमला कर दिया। हाथी के हमले में मीना की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग का अमला गांव पहुंचा और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मृतका के परिजनों को तत्काल राहत देते हुए 25 हजार रुपये की अग्रिम सहायता राशि प्रदान कर दी गई है। शेष 5 लाख 75 हजार रुपये की मुआवजा राशि सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद नियमानुसार दी जाएगी। शासन की ओर से हाथी हमले में मौत पर कुल 6 लाख रुपये का मुआवजा प्रावधानित है।
इससे पहले मंगलवार देर रात को इसी कटघोरा वन मंडल के चैतमा वन परिक्षेत्र स्थित नीमपानी गांव में भी एक दर्दनाक घटना हुई थी। यहां देर रात करीब तीन बजे एक जंगली हाथी ने घर के बाहर बरामदे में सो रहे दंपती पर हमला कर दिया। हाथी ने 60 वर्षीय महिला फुलसुंदरी को कुचल दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि, महिला का पति खाट के नीचे छिपकर अपनी जान बचाने में सफल रहा।
लगातार हो रही इन घटनाओं ने जंगलों के पास स्थित गांवों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ा दी है। ग्रामीणों का कहना है कि रात के समय हाथियों की आवाजाही बढ़ गई है। जिसकी वजह से रोजमर्रा के कामों के लिए भी बाहर निकलना जोखिम भरा हो गया है। वन विभाग की टीम प्रभावित इलाकों में निगरानी बढ़ाने और ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील कर रही है।




