सिंगरौली में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई, कांग्रेस ने गठित की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी
पर्यावरणीय नुकसान और वन क्षेत्र पर बढ़ते खतरे को गंभीरता से लेते हुए AICC ने एक तथ्य अन्वेषण समिति गठित की है, जो 11 दिसंबर 2025 तक सिंगरौली पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी।
सिंगरौली। मध्य प्रदेश के सिंगरौली में घिराली कोल ब्लॉक के लिए बड़े पैमाने की पेड़ों की कटाई हो रही है। यहां पांच लाख से ज्यादा हरे भरे वृक्षों को काटने की तैयारी है। इसे लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। कांग्रेस पार्टी भी सड़क से लेकर सदन तक लगातार यह मुद्दा उठा रही है। इसी क्रम में कांग्रेस ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी भी गठित की है।
कांग्रेस ने कहा है कि सिंगरौली में “अनियंत्रित और असामान्य गति से” पेड़ों की कटाई हो रही है, जो पर्यावरण, स्थानीय आबादी और प्राकृतिक संसाधनों के लिए गंभीर खतरा है। पार्टी का आरोप है कि घिराली कोल ब्लॉक में वन संरक्षण कानून व पर्यावरणीय मानकों की अनदेखी करते हुए मशीनों से पेड़ों को उखाड़ा जा रहा है।
पर्यावरणीय नुकसान और वन क्षेत्र पर बढ़ते खतरे को गंभीरता से लेते हुए AICC ने एक तथ्य अन्वेषण समिति गठित की है, जो 11 दिसंबर 2025 तक सिंगरौली पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी। कमेटी में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष
उमंग सिंघार, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, कमलेश्वर पटेल, हेमंत कटारे
राजेंद्र कुमार सिंह, हिना कांवरे, विक्रांत भूरिया, ओंकार मरकाम, जयवर्धन सिंह और बाला बच्चन का नाम शामिल है।
कांग्रेस का कहना है कि यह कमेटी स्थानीय जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों, विस्थापित परिवारों और संबंधित विभागीय अधिकारियों से मुलाकात कर यह जानने का प्रयास करेगी कि पेड़ों की कटाई की वास्तविक मात्रा कितनी है? क्या पर्यावरणीय अनुमति और वन संरक्षण से जुड़े प्रावधानों का पालन हुआ? स्थानीय लोगों की राय और आपत्तियाँ क्यों नहीं ली गईं? कोल ब्लॉक के लिए हुई कटाई में क्या किसी प्रकार की अनियमितता शामिल है? इसके आधार पर समिति एक विस्तृत रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को सौंपेगी।




