Coronavirus india: 'देश विरोधी' आर्थिक पैकेज

'यह पैकेज जीडीपी का 20 नहीं महज 1.6 फीसदी है.'

Publish: May 18, 2020, 04:13 AM IST

कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक राहत पैकेज को भारत विरोधी करार दिया है.

पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री-वित्त मंत्री का 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज गरीब विरोधी, किसान विरोधी, मजदूर विरोधी, दुकानदार विरोधी, नौकरी पेशा विरोधी, MSME विरोधी यानी देश विरोधी है.”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार गरीबी नहीं बल्कि गरीबों को मिटाने पर तुली हुई है. उन्होंने कहा कि देश को केवल धोखा, चालबाजी और नीमहकीमी ही मिली. उन्होंने कहा कि कोई आश्चर्य की बात नहीं कि 20 लाख करोड़ का मतलब केवल 13 शून्य है.

वहीं कांग्रेस पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद आनंद शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्र सरकार के इस पैकेज पर प्रतिक्रिया दी.

उन्होंने कहा, “जब तक गरीबों-मजदूरों के हाथ में सीधे पैसा नहीं जाएगा, तब तक कांग्रेस पार्टी इस पैकेज को किसी भी तरह का प्रोत्साहन मानने के लिए तैयार नहीं है. पीएम-किसान योजना का पैसा राहत पैकेज का हिस्सा नहीं है, वो चुनाव पहले की घोषणा है.”

आनंद शर्मा ने कहा कि सरकारी पैकेज केवल 3.22 लाख करोड़ रूपये के बराबर है जो जीडीपी का महज 1.6 फीसदी है, यह 20 लाख करोड़ रूपये नहीं है, जैसी की प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी. उन्होंने कहा मैं वित्त मंत्री की बात पर सवाल खड़ा कर रहा हूं, प्रधानमंत्री की बात से इत्तेफाक नहीं रखता और सरकार को चुनौती दे रहा हूं कि आंकड़ों के मामले में मुझे गलत साबित करके दिखाए, मैं वित्त मंत्री से बहस के लिए तैयार हूं.

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उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रवासी मजदूरों के लिए अभी भी बेहतर व्यवस्था नहीं की गई, केंद्र सरकार को यह देखना चाहिए कि कहां कमी रह गई है. उन्होंने कहा कि 8 करोड़ से ज्यादा मजदूर फंसे हुए हैं और वित्त मंत्री ने उन्हें राशन देने की बात कही है. राशन पाना उनका अधिकार है यह कोई अहसान नहीं है.

वृद्ध महिलाओं को 500 रुपये प्रति महीना देने की बात पर आनंद शर्मा ने कहा कि केवल 21 प्रतिशत महिलाओं के पास ही जनधन खाता है. उन्होंने कहा कि मनरेगा खातों में पैसा देना चाहिए था ताकि ज्यादा महिलाओं को लाभ मिलता.

आनंद शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान करोड़ों लोगों का रोजगार खत्म हो गया. सरकार कर्जे से इतर एमएसएमई को आर्थिक सहायता देनी थी, ताकि वे कर्मचारियों को वेतन दे पाते.

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इससे पहले निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस आर्थिक पैकेज की पांचवी किस्त की घोषणा की. इस दौराना उन्होंने मनरेगा को अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रुपये देने से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा, सार्वजनिक क्षेत्र, कंपनियों पर कर्ज और राज्यों के उधार लेने की क्षमता को लेकर घोषणाए कीं.