रीवा संभाग में फूल एवं सब्जियों की खेती को मिलेगा प्रोत्साहन, संभागायुक्त ने ली समीक्षा बैठक

संभागायुक्त ने कृषि, उद्यानिकी, महिला, नागरिक आपूर्ति की अलग अलग समीक्षा बैठक ली, अधिकारियों को अपने विभाग की योजनाओं को गति देने का निर्देश दिए।

Updated: May 18, 2021, 01:04 PM IST

Photo courtesy: patrika
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रीवा। कोरोना महामारी ने कृषि, शिक्षा, व्यापार समेत लगभग हर क्षेत्र और कारोबार पर असर डाला है। मंगलवार को रीवा संभाग में  संभागायुक्त अनिल सुचारी ने कमिश्नर कार्यालय में बैठक आयोजित की। बैठक में 5 विभागों की योजनाओं की अलग-अलग समीक्षा की गई। जिसमे उद्यानिकी, कृषि, महिला एवं बाल विकास विभाग, नागरिक आपूर्ति निगम तथा विपणन संघ की योजनाओं की समीक्षा की गई।

बैठक में संभागायुक्त अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, की कोरोना संक्रमण तथा लॉकडाउन की वजह से  विभागीय  गतिविधियों पर असर पड़ा है। साथ ही अधिकारियों को योजनाओं के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा, शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन कराएं। संभाग में कृषि तथा उद्यानिकी क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। इससे लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मिलने के साथ आय में वृद्धि होगी। इसके लिए जिलेवार कार्ययोजना तैयार किया जाए। एक जिला एक उत्पाद योजना पर भी विशेष जोर देने की बात कही।

कमिश्नर ने उद्यानिकी विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि संभाग में वर्तमान में दो लाख 68 हजार हेक्टेयर में उद्यानिकी फसलें ली जा रही हैं। इसमें वर्षवार वृद्धि की कार्ययोजना तैयार करें। कोरोना के प्रकोप के कारण फूलों की खेती प्रभावित हुई है। फूल उत्पादक किसानों को सब्जी तथा अन्य फसलों के लिए प्रेरित करें। संभाग में केवल पांच कोल्ड स्टोरेज हैं। इनकी संख्या बढ़ाने का निर्देश दिए। उन्होंने कहा, फल, सब्जी तथा मसालों के उत्पादन से किसानों को अच्छी आय होती है। संभाग में आम, नींबू, अमरूद जैसे फलों का रोपण कराएं जाएं। उद्यानिकी विभाग द्वारा तैयार फलदार पौधों को मनरेगा के माध्यम से ग्राम पंचायतों में रोपित कराने के प्रयास करें। 

बैठक में कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने कहा कि आगामी फसल के लिये कार्य योजना तैयार कर लें। किसानों को समय पर खाद तथा बीज की उपलब्धता करायें। किसानों को जैविक खेती तथा मसालों की खेती के लिये प्रेरित करें। संभाग के सभी जिलों के लिये कृषि विकास की कार्ययोजना तैयार करें। खाद, बीज तथा कीटनाशक के नमूने नियमित रूप से लेकर इनकी जांच करायें। नमूने अमानक पाये जाने पर कड़ी दण्डात्मक कार्यवाही करें। किसानों को अधिक उत्पादन देने वाली फसलों के लिये प्रोत्साहित करें।

बैठक में संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास ऊषा सिंह सोलंकी, संयुक्त संचालक उद्यानिकी जेपी कोल्हेकर, प्रभारी संभागीय विपणन अधिकारी नेहा तिवारी, संयुक्त संचालक मण्डी, उप संचालक सतीश निगम तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।