MP Farmers : शिवराज की नीतियों से नाराज़ किसानों ने की वीडियो पर महापंचायत

किसान संघर्ष समिति ने महापंचायत आयोजित की, सरकारी नीतियों पर उठाए सवाल

Publish: Jun 13, 2020, 09:02 PM IST

शुक्रवार को किसान संघर्ष समिति ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए अपनी महापंचायत बुलाई थी। अपनी महापंचायत में किसान संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार की नीतियों और राज्य की शिवराज सरकार की मंशा और कार्यपण्राली पर सवाल खड़ा किया है। किसान संघर्ष समिति की महापंचायत में केंद्र सरकार द्वारा बिजली संशोधन बिल लाए जाने और प्याज़, आलू तथा दहलन को आवश्यक वस्तुओं से हटाए जाने का विरोध किया गया। यह किसान संघर्ष समिति की 270वीं महापंचायत थी। अगली महापंचायत 25 जून को आयोजित की जाएगी।


केंद्र सरकार द्वारा पारित अध्यादेशों का करेंगे विरोध

महापंचायत की बैठक जगदीश दोड़के की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। पूर्व विधायक एवम कार्यकारी अध्य्क्ष  डॉ सुनीलम ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि लॉकडाउन के चलते 270 वी किसान पंचायत गूगल मीट के माध्यम से की जा रही है । सरकार ने 3 जून को घोषणा की थी कि उसने किसानों को कृषि उत्पाद बेचने के लिए स्वतंत्र कर दिया है। लेकिन इस बात का कोई प्रावधान नहीं किया गया है कि किसान समर्थन मूल्य पर अपना अनाज बेच सकेंगे। किसानों के लिए यदि यातायात निशुल्क करने की घोषणा कर दी गई होती तब छोटा किसान भी इसका लाभ ले सकता था। 

किसानों का कहना है कि दूसरा कानून भी किसान विरोधी है । दलहन तिलहन आलू प्याज को अति आवश्यक वस्तुओं से हटाने के कारण कालाबाजारी बढ़ना तय है । विद्युत संशोधन बिल के परिणामस्वरूप बिजली का पूरी तरह निजीकरण हो जाएगा और सभी तरह की सब्सिडी समाप्त हो जाएगी। इस महापंचायत में किसान विरोधी तीनों अध्यादेशों का मिलकर पुरजोर विरोध करने का फैसला लिया गया है।

विदेशों से आयत करने की वजह से मक्का के दाम में गिरावट आई है

महापंचायत में मक्का की कीमत में गिरावट पर केंद्र सरकार द्वारा विदेशों से मक्का आयात करना माना गया। किसानों का कहना है कि हमारा मक्का आधे दाम पर खरीदा जा रहा है ।

शराब माफिया को लाभ पहुंचा रही है शिवराज सरकार
सरकार गेंहूँ का उचित भंडारण न कर गेंहूँ को सड़ाकर शराब माफिया को लाभ पंहुचा रही है। मंदसौर से किसंस के जिलाध्यक्ष दिलीप  पाटीदार ने बताया कि किसानों को 2018-19 में अतिवृष्टि से नष्ट हुई फसल का मुआवजा नहीं  मिला है । किसानों को सोसायटी से मिलने वाला सोयाबीन का बीज और खाद अभी तक नही मिला है । पिपलिया मंडी में  व्यापारी गेहूँ 1600 रू,चना 3800 रू तथा सोयाबीन 3500 के भाव से खरीदा जा रहा है जो कि समर्थन मूल्य से बहुत कम है। महापंचायत के दौरान किसानों ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार गेंहूँ का उचित भंडारण न कर गेंहूँ को सड़ाकर शराब माफिया को लाभ पंहुचा रही है।