MP के महुआ की महक यूरोप तक पहुंची, विदेश से आया 200 टन महुए का ऑर्डर

विदेशों में महुए से बने खाघ पदार्थों को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। यूरोप की कम्पनियों महुए के नए नए उत्पाद बना कर वहां के बाजार में उतार रही हैं।

Updated: Aug 30, 2023, 07:10 PM IST

Image courtesy- Amarujala
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बैतूल। महुए को अक्सर शराब से जोड़ कर देखा जाता है। पूरे देश में कच्ची शराब के लिए बदनाम महुआ अब यूरोप तक धूम मचा रहा है। यहां महुआ शराब के लिए नहीं बल्कि कई प्रकार के फ़ूड उत्पादों के लिए लोगों को काफी पसंद आ रहा है। यूके की लंदन स्थित कंपनी ओ-फारेस्ट ने महुआ के कई प्रोडक्ट वहां के बाजार में उतारे हैं। इनमें मुख्य रूप से महुआ चाय, महुआ पावडर, महुआ निब-भुना महुआ मुख्य रूप से पसंद किए जा रहे हैं।


यूरोप की ओ-फारेस्ट कंपनी ने अपने उत्पादों के लिए मध्यप्रदेश से 200 टन महुआ खरीदने का समझौता किया है। जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से महुआ यूरोप भेजा जाएगा। अकेले बैतूल जिले से 18 क्विंटल महुआ और बाकी का महुआ शहडोल, सीधी,अलीराजपुर, सिंगरौली, डिण्डौरी, मण्डला, उमरिया जिले से भेजा जाएगा। यूरोप को यह महुआ 100 से 110 रुपए किलो के हिसाब से बेचा गया है। महुआ बीनने और स्टोर करने वाले लोगों से इसे 94 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीदा गया है। 

कंपनी यूरोप में इसके विभिन्न उत्पाद बनाकर बेचती है जिसमें चाय, अचार, भुना हुआ महुआ,पाउडर आदि शामिल हैं। मध्य प्रदेश में महुआ का समर्थन मूल्य अभी 35 रुपये किलो है लेकिन यूरोप की मांग के बाद अब महुआ बीनने वालों को सरकार से ज्यादा मूल्य प्राइवेट कम्पनियों दे रही हैं। ओ-फारेस्ट कंपनी की सह-संस्थापक मीरा शाह बताती हैं कि मध्यप्रदेश के महुआ से बने खादय पदार्थों के प्रति रूचि बढ़ रही है। यूके में जनसंख्या की विविधता है इसलिए दुनिया के हर देश का व्यंजन और खादय पदार्थ यहां मिल जाता है।

मध्य प्रदेश में हर साल महुआ का उत्पादन 7 लाख 55 हजार क्विंटल तक होता है। महुआ का एक पेड़ ही 100 किलो तक महुआ देता है। प्रदेश के करीब 3 लाख 77 हजार जनजाति समुदाय के परिवार महुआ बीनकर अपना घर-परिवार चलाते हैं। एक परिवार कम से कम तीन पेड़ों से महुआ बीनता है। साल में औसतन दो क्विंटल तक महुआ बीन लेता है। 

बता दें मध्य प्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों में महुआ केवल शराब उत्पादन के उद्देश्य से ही खरीदा जाता है। राज्य सरकार ने महुआ फूल से बनी मदिरा को हेरिटेज वाइन के रूप में प्रस्तुत करने के लिए नई नीति बनाई है। सरकार ने महुआ सहित अन्य वनोपज का समर्थन मूल्य तय किया है। जिससे जनजाति समुदाय के लोग महुआ को साफ सफाई से तोड़ते हैं।