अगर कम उम्र में मौत से बचना है तो रोज चलाइए साइकिल, 47% कम हो सकता है खतरा: स्टडी

एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि साइकिल चलाने से समय से पहले मौत का जोखिम 47 प्रतिशत तक कम होता हैं। इतना ही नहीं इससे किसी बीमारी से हॉस्पिटल में एडमिट होने का रिस्क 10 प्रतिशत तक कम होता है।

Publish: Jul 19, 2024, 09:30 AM IST

आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोग साइकिल को भूलते जा रहे है। कही भी जल्दी पहुंचने के लिए मोटर साइकिल व कार का उपयोग करने लगे। लेकिन अगर अपनी तबीयत दुरुस्त रखनी है या जल्दी मौत का खतरा टालना है तो रोज साइकिल चलानी होगी। जी हां एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि साइकिल चलाने से समय से पहले मौत का जोखिम 47 प्रतिशत तक कम होता हैं। इतना ही नहीं इससे किसी बीमारी से हॉस्पिटल में एडमिट होने का रिस्क 10 प्रतिशत तक कम होता है। ब्रिटेन के रिसर्चर ने बीएमजे पब्लिक हेल्थ में पब्लिश रिसर्च में पाया गया है कि फिजिकल एक्टिविटीज से मौत का खतरा कम हो सकता है। आइए जानते हैं क्या कहती है स्टडी...

इस स्टडी में 16 से 74 साल की उम्र वाले 82,000 से ज्यादा यूके के लोगों पर 18 सालों तक नजर रखी। इसमें देखा जाता था कि वे किस चीज से ज्यादा सफर करते हैं। शोधकर्ताओं ने उनके अंदर बीमारियों और मौत के खतरों को भी बारीकि से समझा। इसमें पैदल चलना या साइकिल चलाना सफर का सबसे एक्टिव तरीका माना जाता था। 

वहीं ड्राइविंग और किसी गाड़ी से सफर करना निष्क्रिय माना जाता था। इसमें पैदल चलने वालों में महिलाओं की संख्या काफी ज़्यादा थी। वे शिफ्ट में काम करती और शहर में स्कूल या काम के लिए कुछ किलोमीटर तक पैदल चलती हैं, जबकि साइकिल चलाने वाले पुरुषों की संख्या काफी ज्यादा थी। 

इस अध्ययन में बताया गया है कि साइकिल से काम पर जाने से कैंसर से मरने की आशंका 51% तक कम हो जाता है. हार्ट डिजीज का खतरा भी 24 प्रतिशत कम हो जाता है। इससे मेंटली प्रॉब्लम्स भी 20 प्रतिशत तक कम होती है। हालांकि, सड़क पर एक्सीडेंट के बाद हॉस्पिटल में भर्ती होने की आशंका कार या बस से चलने वालों की तुलना में दोगुनी थी।

वही इस शोध में ये भी पाया गया कि पैदल चलने से मानसिक समस्याओं का खतरा 7 प्रतिशत तक कम होता हैं। ऐसे लोगों में अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 11 प्रतिशत तक कम पाया गया। इस शोध के निष्कर्ष में पाया गया कि साइकिलिंग या वॉकिंग से फिजिकल और मेंटल हेल्थ तो दुरुस्त ही रहती है, कम उम्र में मौत का खतरा भी काफी ज्यादा कम रहता है।