'1 घंटे की नींद खोने पर ठीक होने में लगते हैं 4 दिन', शरीर पर भी पड़ता है दुष्प्रभाव

हैदराबाद स्थित अपोलो हॉस्पिटल्स में काम करने वाले न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने दावा किया कि अगर कोई एक घंटे की भी नींद खो देता है, तो उससे उबरने में 4 दिन लग सकते हैं।

Updated: May 28, 2024, 04:49 PM IST

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और निरंतर बढ़ रहे काम के दबाव ने लोगों की नींद पर गहरा और नकारात्मक असर डाला है। हमारे आधुनिक जीवनशैली में समय की कमी, तनाव, और तकनीकी उपकरणों का अत्यधिक उपयोग होने के कारण नींद की गुणवत्ता और अवधि बुरी तरह प्रभावित हो रही है। जबकि एक तिहाई से अधिक लोग सात से आठ घंटे की नींद लेने में विफल रहते हैं, जिसका मानव शरीर पर चौंकाने वाला प्रभाव पड़ सकता है। इसे लेकर कई न्यूरोलॉजिस्ट और विशेषज्ञ अच्छी रात की नींद के महत्व और अपर्याप्त नींद के मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों पर जोर देते रहे हैं।

क्या कहते है एक्सपर्ट? 

हाल ही में, अपोलो हॉस्पिटल्स हैदराबाद में काम करने वाले न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने दावा किया कि अगर कोई एक घंटे की भी नींद खो देता है, तो उससे उबरने में 4 दिन लग सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे नींद की कमी कई प्रकार के लक्षणों को जन्म दे सकती है, जिनमें सिरदर्द, खराब फोकस, बढ़ती चिड़चिड़ापन और यहां तककि खराब निर्णय लेने की क्षमता भी शामिल है।

इसके साथ ही ये भी सवाल उठता है कि क्या नींद के घंटों में कमी की भरपाई दिन में सोने से की जा सकती है? डॉक्टर ने जवाब दिया कि बिल्कुल, रात में एक बार में 7-9 घंटे सोना सबसे अच्छा विकल्प है। हालांकि, अगर कोई रात में पूरी नींद नहीं ले पाता है, तो वह दिन में सोकर नींद की कमी की भरपाई कर सकता है।

नींद की कमी से पड़ने वाले प्रभाव

नींद हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह स्मृति, सीखने, मूड, और समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। पर्याप्त नींद न मिलना न केवल थकान और चिड़चिड़ापन बढ़ा सकता है, बल्कि यह दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है।

जब हम नींद की कमी का अनुभव करते हैं, तो यह हमारे शरीर की विभिन्न प्रणालियों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके परिणामस्वरूप, हमें नींद की कमी से उबरने के लिए अधिक समय लगता है। एक घंटे की नींद खोने पर शरीर को सामान्य स्थिति में लौटने में चार दिन लग सकते हैं, क्योंकि शरीर को खोई हुई नींद को पुनः प्राप्त करने और उसकी कमी से हुए नुकसान को ठीक करने में समय लगता है।