तुर्की के 10 प्रांतों में 3 महीने के लिए आपातकाल लागू, विनाशकारी भूकंप में 5,100 से ज्यादा लोगों की मौत

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने भूकंप से प्रभावित 10 प्रांतों में 3 महीने की इमरजेंसी लागू करने का ऐलान किया है। अब तक भूकंप के कारण 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

Updated: Feb 07, 2023, 02:43 PM IST

तुर्की और सीरिया में भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई है।अब तक दोनों देशों में 5,100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मलबे के नीचे फंसे लोगों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में पर्याप्त तेजी नहीं होने के कारण मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। WHO ने कहा है कि मृतकों की संख्या 20 हजार के पार जा सकती है। मामला कंट्रोल से बाहर होने के कारण बीच तुर्की में इमरजेंसी लागू कर दिया गया है।

तुर्की की अनादोलू समाचार एजेंसी ने राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के हवाले से बताया कि राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने भूकंप से प्रभावित 10 प्रांतों में 3 महीने की इमरजेंसी लागू की है। यह इलाके भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। एर्दोआन ने बताया कि तुर्की में 70 देशों ने मदद भेजने का ऐलान किया है। इधर, भारत ने भी तुर्किये को मदद भेजी है। इंडियन एयरफोर्स का C-17 विमान 2 NDRF टीमों, डॉक्टरों और राहत सामग्री के साथ वहां पहुंच चुका है। 

तुर्की की डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी ने बताया कि 11 हजार 342 इमारतों के धराशायी होने की सूचना है।
UNICEF ने कहा कि भूकंप से हजारों बच्चों के मरने की आशंका है। WHO ने अनुमान लगाया है कि भूकंप प्रभावितों की संख्या 2 करोड़ 30 लाख तक हो सकती है। वहीं मरने वालों का आंकड़ा 20 हजार तक पहुंच सकता है। अबतक मिली जानकारी के मुताबिक तुर्की में 3,549 लोगों की जान जा चुकी है और 20 हजार 534 से ज्यादा लोगों के घायल हैं। जबकि सीरिया में 1,602 लोग मारे गए और 2 हजार से ज्यादा जख्मी हैं।

भूकंप में हजारों कि संख्या में मौत के बाद तुर्की में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। पूरे देश में  रेड अलर्ट जारी किया गया है। सभी स्कूल-कॉलेज एक हफ्ते बंद रहेंगे। 200 फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं। 16 हजार लोग बचाव कार्य में लगे हुए हैं। UN ने कहा है कि बर्फबारी और बारिश के कारण भूकंप से प्रभावित दोनों ही देशों में बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। इमरजेंसी सर्विसेज की टीमों को रेस्क्यू में काफी दिक्कत हो रही है। 

स्थिति की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तुर्की के हताय प्रांत में एक आदमी ने रोते हुए रॉयटर्स को बताया कि इमारतों के ढेर में दबे लोग जान बचाने के लिए चीख रहे हैं। भूख, चोट और कड़ाके की ठंड से परेशान हैं और दम तोड़ रहे हैं। यहां लाखों लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है। वहीं, सीरिया में बचाव कार्यों में लगी व्हाइट हेलमेट्स की टीम के सदस्य रायद अल सालेह ने बताया कि जगह-जगह दबे लोगों को बचाने का काम वक्त के खिलाफ रेस की तरह लग रहा है।

तुर्की के लोगों के लिए जहां दुनियाभर में दुआएं की जा रही है वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान की ओछी हरकत भी सामने आई। पाकिस्तान ने मंगलवार सुबह भूकंप से प्रभावित तुर्की जाने वाले भारतीय वायु सेना के विमानों को अपना हवाई क्षेत्र देने से इनकार कर दिया। यह दूसरी बार है जब पाकिस्तान ने भारत को जरूरतमंद देशों को मानवीय सहायता भेजने से रोकने का प्रयास किया है।