Patanjali coronavirus : कोरोना की दवा बनाने का लाइसेंस नहीं
Aayush Ministry : रामदेव कोरोनिल का प्रचार बंद करें। उत्तराखंड सरकार लाइसेंस अनुमति का रिकॉर्ड दे

कोरोना वायरस की आयुर्वेदिक दवा बनाने का दावा करने वाली कंपनी पतंजलि लगातार विवादों में फंसती जा रही है। दरअसल, उत्तराखंड सरकार का आयुर्वेद विभाग पतंजलि को एक नोटिस जारी करने जा रहा है। इस नोटिस में कंपनी से पूछा जाएगा कि आखिर उसे दवा बनाने का लाइसेंस कहां से मिला। आयुर्वेद विभाग का कहना है कि उसने पतंजलि को केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा बनाने का लाइसेंस दिया था, पतंजलि ने लाइसेंस के लिए किए गए आवेदन में कहीं भी कोरोना वायरस की दवा बनाने का जिक्र नहीं किया था। वहीं दूसरी तरफ राजस्थान सरकार भी पतंजलि पर मुकदमा दर्ज करने जा रही है।
इससे पहले कोरोना की कथित दवा 'कोरोनिल' को लॉन्च करते हुए रामदेव ने कहा था कि इस दवा को बनाने के लिए सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है और उन्होंने सरकार से लाइसेंस भी हासिल किया था। हालांकि, भारत सरकार और आईसीएमआर यह साफ कर चुके हैं कि इस कथित दवा के निर्माण में उनका कोई योगदान नहीं है। आयुष मंत्रालय दवा के प्रचार पर रोक भी लगा चुका है। मंत्रालय ने परीक्षण के लिए पतंजलि से दवा का ब्योरा मांगा है।
वहीं दूसरी तरफ राजस्थान सरकार ने कोरोना की दवा खोज लेने के पतंजलि के दावे को धोखाधड़ी बताया है। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि महामारी के समय बाबा रामदेव ने इस तरह से कोरोना की दवा बेचने की कोशिश की है, जो अच्छी बात नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि आयुष मंत्रालय के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार बाबा रामदेव को आईसीएमआर और राजस्थान सरकार से किसी भी कोरोना की आयुर्वेद दवा की ट्रायल के लिए परमिशन लेनी चाहिए थी, मगर बिना परमिशन के और बिना किसी मापदंड के ट्रायल का दावा किया गया है, जो कि गलत है।