भोपाल-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस इंदौर से चलाने की मांग, सुमित्रा महाजन ने केंद्रीय रेल मंत्री को लिखा पत्र
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा है कि अगर भोपाल से लखनऊ के लिए वंदे भारत ट्रेन चलाई जा रही है, तो उसे इंदौर से शुरू किया जाए ताकि इंदौर के यात्रियों को भी फायदा मिल सके।

इंदौर। भोपाल टू लखनऊ वंदे भारत ट्रेन को इंदौर से शुरू करने की मांग तेज हो गई है। इंदौर से लखनऊ के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की मांग को लेकर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि अगर भोपाल से लखनऊ के लिए वंदे भारत ट्रेन चलाई जा रही है, तो उसे इंदौर से शुरू किया जाए ताकि इंदौर के यात्रियों को भी फायदा मिल सके।
दरअसल, भोपाल से लखनऊ के बीच वंदे भारत ट्रेन चलाने की मांग पहले से ही विचाराधीन है। अब इस ट्रेन को इंदौर से चलाने का प्रस्ताव दिया गया है, जिस पर रेलवे बोर्ड की तरफ से विचार भी किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि भोपाल से लखनऊ के बीच जून के आखिरी तक वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा।
सुमित्रा महाजन ने पत्र में लिखा है कि इंदौर रेलवे के मुख्य मार्ग पर नहीं है, इसलिए यहां के यात्रियों को काफी परेशानी होती है। अगर प्रस्तावित ट्रेन (भोपाल टू लखनऊ) को इंदौर से चलाया जाए, तो यह बहुत उपयोगी होगा। इससे कुछ दिन पहले इंदौर के डेली रूटीन यात्रियों के संगठन ने भी यही मांग उठाई थी। सांसद शंकर लालवानी ने भी कहा कि रेलवे को इस सुझाव पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
बता दें कि इंदौर से लखनऊ के बीच केवल चार ट्रेनें चलती हैं। इनमें दो ट्रेनें- महाकाल एक्सप्रेस और इंदौर एक्सप्रेस- सप्ताह में दो बार चलती हैं। वहीं डॉ. अंबेडकर नगर-कामाख्या एक्सप्रेस और इंदौर-पटना एक्सप्रेस सप्ताह में एक बार चलती हैं। इन ट्रेनों में यात्रा का समय 15 से 16 घंटे तक होता है। ट्रेनें कम होने की वजह से हर समय वेटिंग टिकट रहती है। त्योहारों के समय वेटिंग 300 से ज्यादा हो जाती है।
रेलवे भोपाल से लखनऊ के बीच वंदे भारत ट्रेन शुरू करने की योजना बना रहा है, जो जून के अंत तक शुरू हो सकती है। यात्री चाहते हैं कि यह ट्रेन इंदौर से चलाई जाए। इससे इंदौर-भोपाल का सफर भी तेज होगा और लखनऊ, बीना, झांसी और कानपुर जैसे शहरों से सीधा जुड़ाव हो जाएगा। वंदे भारत ट्रेन में 564 सीटें होती हैं और इसका किराया थोड़ा ज्यादा होता है, जिससे सीटों की ज्यादा मांग नहीं होती और कन्फर्म टिकट मिलना आसान होता है।