PM मोदी को मिला रूस का सर्वोच्च सम्मान, पुतिन बोले- भारत की समृद्धि की कामना करता हूं
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया।
मॉस्को। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय रूस के दौरे पर हैं। मंगलवार को अपने दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने शांति का संदेश देते हुए कहा कि बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति संभव नहीं है। इस दौरे की खास बात ये है कि पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च सम्मान दिया गया है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया। इस दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, 'प्रिय मित्र, मैं आपको इस सर्वोच्च रूसी पुरस्कार के लिए बधाई देना चाहता हूं और आपके अच्छे स्वास्थ्य, सफलता और शुभकामनाएं देना चाहता हूं। भारत के मैत्रीपूर्ण लोगों के लिए, मैं शांति और समृद्धि की कामना करता हूं।'
पुतिन ने आगे कहा, 'यहां क्रेमलिन में यह पुरस्कार (ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू) प्रदान करते हुए मुझे खुशी हो रही है...यह दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में आपके द्वारा किए जा रहे महत्वपूर्ण योगदान के लिए रूस की सच्ची कृतज्ञता का प्रमाण है। आपने हमेशा हमारे देश के साथ व्यापक संपर्कों की सक्रिय रूप से वकालत की है। जब आप गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब आपने अपने राज्य को रूसी क्षेत्र के साथ जोड़ने की पहल की थी। अब जब आप 10 वर्षों से भारतीय सरकार के शीर्ष पर हैं, तो आपने वास्तव में रूसी-भारत संबंधों को एक विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने का प्रयास किया है।'
वहीं, पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे संबंध न केवल हमारे दोनों देशों (भारत और रूस) के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। आज के वैश्विक माहौल के संदर्भ में, भारत और रूस की साझेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। हम दोनों विश्वास रखते हैं कि वैश्विक स्थिरता और शांति के लिए निरंतर प्रयास किए जाने चाहिए। आने वाले समय में हम मिलकर इसी दिशा में काम करते रहेंगे।'
इससे पहले पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन के साथ शिखर वार्ता में शांति की अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए शांति अत्यधिक सर्वाधिक है, लेकिन मैं ये भी जानता हूं कि युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं होते हैं। बम, बंदूक और गोलियों के बीच समाधान और शांति वार्ता सफल नहीं होती है और हमें वार्ता के माध्यम से ही शांति के रास्ते अपनाने होते हैं। शांति बहाली के लिए भारत हर संभव सहयोग करने को तैयार है। मैं आपको और विश्व समुदाय को आश्वस्त करता हूं कि भारत शांति के पक्ष में है।'