उज्जैन में किसानों ने फ्री में बांटे 50 क्विंटल प्याज, मंडी में 1-2 रुपए किलो ही मिल रहा भाव, MSP पर खरीदी की मांग

किसानों ने सरकार से मांग की है कि फौरन सर्वे कराकर नुकसान का मुआवजा दिया जाए। साथ ही प्याज की फसल को 24 रुपये प्रति किलो के समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए।

Updated: May 27, 2025, 01:12 PM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश में प्याज उत्पादक किसानों का बुराहाल है। बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। प्याज की तैयार फसल खेतों में सड़ गई। जब किसान बची हुई उपज को मंडी तक लाए तो दाम इतने गिरे हुए थे कि लागत तो दूर ट्रांसपोर्ट का खर्च भी नहीं निकल पाई। आलम ये है कि किसानों को कई क्विंटल प्याज मुफ्त में बांटनी पड़ी।

उज्जैन में प्याज उत्पादक किसान फसल के सही दाम न मिलने से काफी परेशान हैं। किसान फसल को लेकर मंडी तो आ रहे हैं, लेकिन यहां इसके दाम एक से दो रुपए प्रति किलो मिल रहे हैं। इससे गुस्साए किसानों ने अनोखा प्रदर्शन करते हुए करीब 50 क्विंटल प्याज निशुल्क बांट दिया। इसके साथ ही आगर रोड स्थित मंडी गेट पर किसानों ने प्रदर्शन भी किया और सरकार को चेतावनी दी कि यदि उन्होंने समर्थन मूल्य पर प्याज की खरीदी शुरू नहीं की तो किसानों को आत्मघाती कदम उठाने पड़ सकते हैं।

संयुक्त कृषि संगठन के जिला अध्यक्ष संदीप पाटीदार के मुताबिक, प्याज की खेती से लेकर मंडी तक लाने में ही किसान को 10 से 12 रुपये प्रति किलो की लागत आती है लेकिन मंडी में मिलने वाले दाम इतने कम हैं कि किसान अब नुकसान के डर से प्याज को या तो जानवरों को खिला रहे हैं, या सड़क किनारे मुफ्त में बांट रहे हैं।

किसानों ने सरकार से मांग की है कि फौरन सर्वे कराकर नुकसान का मुआवजा दिया जाए। प्याज की फसल को 24 रुपये प्रति किलो के समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए। किसान कह रहे हैं कि जब तक सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती, उनका ये विरोध जारी रहेगा। मंडी में प्याज लेकर पहुंचे किसान अपनी फसल को कम दाम पर ही बेचने को मजबूर हैं। फसल नहीं बिकने पर किसान प्याज मंडी में ही छोड़कर जा रहे हैं। मौसम खराब होने से किसानों को कृषि मंडी में दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। बारिश के कारण खुले में पड़ा प्याज खराब हो रहा है।

कृषि उपज मंडी में प्याज की फसल लेकर पहुंचे किसान कैलाश पाटीदार का कहना है कि वे 70 किलोमीटर दूर से ट्रैक्टर-ट्रॉली का भाड़ा लगाकर मंडी में फसल बेचने आए थे। आज की नीलामी में उनकी फसल 100 से 150 रुपए प्रति क्विंटल ही बिकी है, जिससे स्थिति कुछ ऐसी बन गई है कि किसान कैलाश को फसल बेचने के बाद घर जाने का भाड़ा भी नहीं बचा है। किसान का कहना है कि अगर प्याज इसी दाम में बिकता रहा तो इस फसल के लिए लिया गया कर्ज कैसे चुकाया जाएगा। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए, वरना किसानों के लिए यह फसल जानलेवा साबित हो सकती है।