बुरहानपुर में 1500 किसानों ने मांगी सामूहिक आत्मदाह की अनुमति, राष्ट्रपति मुर्मू को लिखा पत्र

किसानों का कहना है कि यदि पांगरी सिंचाई परियोजना का काम बिना मुआवजा तय किए शुरू होता है तो वे सामूहिक रूप से आत्मदाह करेंगे।

Updated: Nov 24, 2023, 09:56 AM IST

बुरहानपुर। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में करीब डेढ़ हजार किसानों ने राष्ट्रपति से सामूहिक आत्मदाह की अनुमति मांगी है। किसानों ने राष्ट्रपति से कहा है कि पांगरी सिंचाई परियोजना का काम बिना मुआवजा तय किए शुरू होता है तो वे सामूहिक रूप से आत्मदाह करेंगे। जिले की खकनार तहसील के तीन गांव पांगरी, बसाली और नागझीरी के किसान गुरुवार को एकत्रित हुए और राष्ट्रपति के नाम लेटर लिखा। 

बुरहानपुर जिले की बहुचर्चित पांगरी सिंचाई परियोजना शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गई है। पांगरी, बसाली और नागझीरी के गांव में रहने वाले किसान इस योजना में तहत प्रस्तावित भू अधिग्रहण के विरोध में उतर आए हैं। किसानों ने राष्ट्रपति को संबोधित पत्र में कहा कि ग्राम पांगरी में प्रस्तावित सिंचाई परियोजना से हजारों किसान प्रभावित होंगे। कई किसानों की जमीन डूब में आ रही है। प्रभावित किसान पिछले 11 महीनों से न्याय और उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। 

किसानों का कहना है कि जब तक मुआवजा तय नहीं हो जाता, तब तक किसी भी प्रकार का बांध संबंधित कोई कार्य शुरू नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो हम सामूहिक आत्मदाह करेंगे। जिसकी अनुमति प्रदान करें। बताया जा रहा है कि गुरुवार को पांगरी में जल संसाधन विभाग के सब इंजीनियर इंद्रजीत उरमलिया बांध बनाने वाले स्थान पर झंडी लगाने गए थे, तब किसानों ने उन्हें झंडी लगाने से रोक दिया। किसानों का कहना है कि मुआवजा मूल्य का निर्धारण नहीं हुआ है, ऐसे में आप झंडी नहीं लगा सकते।

मामले पर सब इंजीनियर इंद्रजीत उरमलिया का कहना कि किसान सरकार की गाइडलाइन के विरोध में हैं। एक प्रस्ताव बनाकर शासन को विशेष पैकेज में रेट मंजूरी के लिए भेजा है। विभाग से प्रस्ताव स्वीकृत होगा तभी मुआवजा मिलेगा। 17.71 लाख रूपए प्रति हेक्टेयर का रेट विशेष पैकेज के तहत तय करने का प्रस्ताव भेजा गया है। वहीं, नेपानगर एसडीएम अजमेर सिंह गौड़ ने कहा कि इस संबंध में मुझे किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिली। किसानों ने इसकी कोई सूचना नहीं दी कि वह कहां जमा हो रहे हैं।