पुलिस में नौकरी लगवाने का झांसा देकर 7 लाख की ठगी का आरोपी गिरफ्तार

आरोपी ने युवती को पुलिस आरक्षक बनवाने के नाम पर 3 साल में 7 लाख रुपए ऐंठे, गहने बेचकर युवती ने चुकाई थी रकम, स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती करवाने का किया था दावा

Updated: Jun 25, 2021, 08:10 AM IST

Photo Courtesy: Amar ujala
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उज्जैन। बड़नगर निवासी युवती से नौकरी लगवाने के नाम पर 7 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। युवती का नाम पायल रिचा है उससे आरोपी किशोर माली ने पुलिस विभाग में कॉन्सटेबल की नौकरी दिलाने का दावा किया था। आरोपी और युवती की पहचान 2017 में पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान हुई थी, उस दौरान आरोपी किशोर ने युवती से कहा था कि वह स्पोर्ट्स कोटे से उसकी नौकरी लगवा देगा। काम करवाने की एवज में वह बार-बार उससे पैसों की डिमांड करता रहा। नौकरी पाने के लालच में युवती को अपने घर का कीमती सामान और गहने तक बेचने पड़े। 7 लाख की रकम लेने के बाद भी आरोपी किशोर ने ना तो युवती की नौकरी लगवाई और ना ही उसके पैसे लौटाए।

युवती ने बड़नगर थाना पुलिस में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार किशोर माली पहले भी लोगों को ठग चुका है। पकड़े जाने के बाद भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। 

बता दें कि नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से ठगी का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले हाल ही में उज्जैन में आयकर विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से ठगी के मामले में आरोपी को गिरफ्तार किया गया था।इंदौर निवासी आरोपी दीपक बैरवा ने उज्जैन के केसर बाग कॉलोनी निवासी सत्यनारायण सोलंकी को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जूनियर असिस्टेंट की पोस्ट पर भर्ती करवाने के नाम पर रुपए ऐंठे थे।

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फर्जी इनकम टैक्स कमिश्नर ने दो लाख रुपए में काम करवाने की बात कही थी। वह फरियादी युवक से एक लाख 10 हजार रुपए वसूल चुका था। जब फरियादी सत्यनाराण की नौकरी नहीं लगी तब उसने आरोपी के खिलाफ माधवनगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई  जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को इंदौर से गिरफ्तार किया। आरोपी इनकम टैक्स कमिश्नर की प्लेट लगाकर घूमता था कई बार तो पुलिस भी उसे असली इनकम टैक्स कमिश्नर समझती थी।