समस्तीपुर में कूड़े के ढेर पर मिली हज़ारों VVPAT पर्चियां, दोषी कर्मियों पर FIR, एआरओ निलंबित

बिहार के समस्तीपुर जिले के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के शीतलपट्टी गांव में हजारों वीवीपैट पर्चियां कचरे में मिलीं। इसकी वजह से प्रत्याशियों ने चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। डीएम ने जांच के आदेश दिए और लापरवाही के लिए एआरओ को निलंबित कर दिया है।

Updated: Nov 08, 2025, 07:40 PM IST

Photo Courtesy: Aaj Tak
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समस्तीपुर। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के कुछ ही दिनों बाद समस्तीपुर जिले के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में लोकतंत्र की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। शनिवार दोपहर शीतलपट्टी गांव में कचरे के ढेर से हजारों की संख्या में वीवीपैट की पर्चियां बरामद हुईं। घटना की जानकारी मिलते ही इलेक्शन कमीशन के साथ-साथ सियासी गलियारे में हड़कंप मच गया।

सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और पर्चियों को कब्जे में ले लिया। यह मामला शीतलपट्टी गांव के पास केएसआर कॉलेज के समीप का बताया जा रहा है। बीते 6 नवंबर को यहां मतदान हुआ था। भीड़ में मौजूद महागठबंधन के प्रत्याशी अरविंद कुमार साहनी और निर्दलीय प्रत्याशी कुणाल कुमार ने मौके पर पहुंचकर चुनाव की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए। दोनों प्रत्याशियों ने इसे लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ बताते हुए मतदान रद्द करने और चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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मौके पर बढ़ती भीड़ ने जिला प्रशासन और चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति को संभालने के लिए समस्तीपुर के डीएम रोशन कुशवाहा, एसपी अरविंद प्रताप सिंह, एसडीओ दिलीप कुमार, डीएसपी संजय कुमार पांडे सहित कई अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। डीएम ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और विधिसम्मत कार्रवाई का भरोसा दिया जिसके बाद भीड़ शांत हुई।

डीएम कुशवाहा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह पर्चियां मॉक पोल के दौरान ईवीएम कमीशनिंग के समय निकली हुई प्रतीत हो रही हैं। उन्होंने कहा,“श्रेडिंग के बाद अधिकांश पर्चियां काट दी गई थीं। लेकिन कुछ बिना श्रेडिंग के ही गलती से कचरे में फेंक दी गईं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि ये पर्चियां वास्तविक मतदान की नहीं हैं इसलिए इससे मतदान प्रक्रिया की निष्पक्षता प्रभावित नहीं हुई है।

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प्रशासन ने मामले को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं। डीएम ने कहा कि संबंधित मतदान केंद्र की पहचान कर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में चुनाव आयोग को भी अवगत करा दिया गया है और किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भी घटना का संज्ञान लेते हुए समस्तीपुर डीएम को मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पुष्टि की है कि ये मॉक पोल की पर्चियां हैं। इसकी वजह से मतदान प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। हालांकि, लापरवाही के आरोप में संबंधित एआरओ को निलंबित कर दिया गया है और प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश जारी किए गए हैं।

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घटना के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार और चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। पार्टी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, “समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में सड़क पर भारी संख्या में ईवीएम से निकली वीवीपैट पर्चियां फेंकी मिलीं। आखिर किसके इशारे पर लोकतंत्र के साथ ये खिलवाड़ किया गया? क्या आयोग इसका जवाब देगा?”

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जा रहे हैं। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को पूरा हुआ था। जबकि, दूसरा चरण 11 नवंबर को होना है। मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। ऐसे में सरायरंजन सीट पर मतदान के बाद इस तरह वीवीपैट पर्चियों का मिलना चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर रहा है।

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