MPPSC की चयन सूची में 13 फीसदी रिजल्ट पर रोक, कमलनाथ बोले- OBC आरक्षण देने में नाकाम रही भाजपा
राज्य सेवा की यह परीक्षा कुल 283 पदों के लिये थी, लेकिन अंतिम रिज़ल्ट केवल 243 पदों के लिये ही जारी हुआ है। 13% अभ्यर्थियों का भविष्य फिर अंधेरे में धकेल दिया है: कमलनाथ
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार MPPSC कैंडिडेट्स के सब्र का इम्तिहान ले रही है। ओबीसी आरक्षण के चक्कर में एक बार फिर 13 पर्सेंट रिजल्ट होल्ड पर रख दिया गया है। ओबीसी वर्ग के इन स्टूडेंट्स की स्थिति ये है कि वो इंटरव्यू पे इंटरव्यू दे रहे हैं, लेकिन रिजल्ट का पता नहीं चल रहा है। कांग्रेस ने इसे लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जारी चयन सूची में 13% रिज़ल्ट पर रोक के साथ केवल 87% रिज़ल्ट ही जारी किया गया है। राज्य सेवा की यह परीक्षा कुल 283 पदों के लिये थी, लेकिन अंतिम रिज़ल्ट केवल 243 पदों के लिये ही जारी हुआ है। 13% अभ्यर्थियों का भविष्य फिर अंधेरे में धकेल दिया है।'
कमलनाथ ने आगे कहा, 'हमारी कांग्रेस सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया था, बीजेपी सरकार ओबीसी को बढ़े हुए आरक्षण का लाभ दिलाने और पूरे मामले की अदालत में सही पैरवी करने में नाकाम रही है। मैं सरकार से माँग करता हूँ कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए रोके गए परीक्षा परिणामों को जारी करने के लिए ज़रूरी वैधानिक कार्रवाई तत्काल पूरी करते हुए परीक्षा परिणाम अतिशीघ्र जारी करने की पहल करें। एक बात हमेशा ध्यान में रहे कि रोका हुआ या विलंब से दिया गया न्याय भी अन्याय के ही समकक्ष होता है।'
बता दें कि मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। बाद में यह मामला कोर्ट में चला गया। मामला कोर्ट में लंबित होने के कारण एमपीपीएससी 2021 रिजल्ट भी 87-13 के फॉर्मूले के तहत ही घोषित किया गया। 87 प्रतिशत के 248 पदों के लिए 794 और 13 प्रतिशत के 42 पदों के लिए 252 को इंटरव्यू के लिए चुना गया था। इसके बाद अंतिम सूची जारी कर दी गई। 13 पर्सेंट रिजल्ट होल्ड होने के कारण स्टूडेंट्स परेशान हैं। वहीं, विपक्ष का आरोप है कि सरकार कोर्ट में ठीक से पैरवी नहीं कर पा रही है।