निजी शैक्षणिक संस्थानों में भी SC, ST और OBC वर्ग को मिले आरक्षण, दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में गठित संसदीय समिति की सिफारिश
संसदीय समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि अगले पाँच वर्षों के भीतर शिक्षकों की सभी संविदात्मक नियुक्तियों को समाप्त करने के लिए एक ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। वहीं, स्कूली बच्चों को मिड-डे मील के साथ नाश्ता भी प्रदान किया जाए।

नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में गठित संसदीय स्थायी समिति ने उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा को लेकर अपनी सिफारिशें जारी कर दी है। इसमें मिड डे मिल, शिक्षकों की कमी समेत तमाम मुद्दों पर केंद्र को सुझाव दिए गए हैं। उच्च शिक्षा को लेकर जारी रिपोर्ट में निजी शैक्षणिक संस्थानों में भी SC, ST और OBC वर्ग को आरक्षण दिए जाने की सिफारिश की गई है।
स्कूल शिक्षा को लेकर संसदीय समिति की सिफ़ारिशों के मुख्य बिंदु:-
* विद्यालय बंद होने को रोकने के लिए एक स्पष्ट नीतिगत ढांचा विकसित किया जाए।
* शिक्षा का अधिकार (RTE) को 3 वर्ष से 18 वर्ष की आयु तक बढ़ाया जाए।
* समग्र शिक्षा अभियान के तहत तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों को बकाया राशि तुरंत जारी की जाए।
* राज्यों में भाषाई अल्पसंख्यकों के लिए विशेष कार्यक्रम बनाया जाए ताकि सभी बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिले।
* राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के विज़न के अनुसार प्रधानमंत्री के अधीन एक राष्ट्रीय स्तर का मिशन बनाया जाए, जो कि आंगनवाड़ी और बाल वाटिकाओं के एकीकरण को गति प्रदान करे।
* अगले पाँच वर्षों के भीतर शिक्षकों की सभी संविदात्मक नियुक्तियों को समाप्त करने के लिए एक ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।
* प्रधानमंत्री पोषण योजना (PM POSHAN) के तहत मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) के साथ नाश्ता भी प्रदान किया जाए।
* प्रधानमंत्री श्री योजना (PM SHRI) से जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) को हटाया जाए और केंद्रीय विद्यालय (KV) को इसके दायरे से बाहर किया जाए।
* निपुण भारत योजना (NIPUN Bharat) को 2032 तक विस्तारित किया जाए, जिसमें मौखिक पठन प्रवाह (Oral Reading Fluency) पर विशेष ध्यान दिया जाए।
उच्च शिक्षा विभाग को लेकर संसदीय समिति की सिफारिशें:-
* Institutes of Eminence Scheme (IoEs) में सुधार किया जाए, इसमें Heritage Universities, निजी विश्वविद्यालय, मौजूदा प्रतिष्ठित संस्थानों के अधीनस्थ कॉलेज और जेएनयू जैसे प्रमुख संस्थान शामिल किए जाएं।
* जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) की वितरण प्रक्रिया को सरल बनाया जाए, ताकि इसे मिलने में होने वाली देरी को रोका जा सके।
* न्यू एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के कार्यान्वयन में स्टेट यूनिवर्सिटीज का समर्थन करने के लिए PM-USHA का विस्तार किया जाए।
* निजी शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने हेतु भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15(5) को लागू करने के लिए कानून बनाया जाए।
* प्रमुख संस्थानों में प्लेसमेंट में आई गिरावट को रोकने के लिए ठोस उपाय किए जाएं।
* शासकीय उच्च शिक्षा संस्थानों में रिक्तियों को भरा जाए और संविदा प्रथा को समाप्त किया जाए।
* UGC रेगुलेशन के मसौदे को केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड को भेजा जाए और उसकी समीक्षा की जाए ताकि वह राज्य के कानूनों के अनुरूप हों।
* उच्च शिक्षा वित्त एजेंसी (Higher Education Financing Agency) की समीक्षा की जाए, क्योंकि यह अपने लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रही है और इसका विश्वविद्यालयों की वित्तीय स्थिति और छात्र शुल्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
* नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के हालिया ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए उसका पुनरुद्धार किया जाए।
* आईआईआईटी (PPP) मॉडल की समीक्षा की जाए आठ ही आईआईआईटी संस्थानों के लिए अतिरिक्त फंड का प्रावधान किया जाए।