ग्वालियर में अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट, 32 दिन घर में कैद रहा BSF इंस्पेक्टर, 71 लाख की ठगी
बीएसएफ का एक इंस्पेक्टर 32 दिन अपने ही घर में कैद रहा। इस दौरान खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच के अफसर बताने वाले बदमाशों ने उससे 71.25 लाख रुपए वसूले।
ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। यहां बीएसएफ का एक इंस्पेक्टर 32 दिन अपने ही घर में कैद रहा। इस दौरान खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच के अफसर बताने वाले बदमाशों ने उससे 71.25 लाख रुपए वसूले।
पीड़ित का नाम अबसार अहमद है, वह बीएसएफ टेकनपुर में इंस्पेक्टर पद पर पदस्थ है। उसने फर्जी क्राइम ब्रांच अफसरों को पैसे देने के लिए अपनी जमीन तक का सौदा कर दिया। बीएसएफ जवान 2 दिसंबर 2024 की सुबह 11.29 बजे से 2 जनवरी 2025 की सुबह 10 बजे तक डिजिटल अरेस्ट रहा।
BSF जवान ने आखिरी ट्रांजैक्शन 31 दिसंबर को RTGS से किया था। 2 जनवरी गुरुवार को जब उसकी बेटे से बात हुई तो उसने बताया कि वह स्कैम का शिकार हो गए हैं। इसके बाद तत्काल हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की गई।
सोमवार को पीड़ित इंस्पेक्टर ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह से मिला और आपबीती सुनाई। इंस्पेक्टर अबसार अहमद ने ग्वालियर साइबर सेल को आपबीती सुनाई तो पुलिस वाले भी चकरा गए। ठगों ने खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर उन्हें 32 दिनों तक उनके ही घर में मानसिक रूप से कैद रखा और 71.25 लाख रुपए वसूल लिए।
मध्य प्रदेश में यह पहली बार है जब किसी सरकारी अधिकारी को इस तरह डिजिटल माध्यम से मानसिक रूप से कैद कर ठगा गया हो और उससे भी बड़ी बात यह है कि कि यह पहला मामला है जब किसी को 32 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया हो।