मध्य प्रदेश के राजकोषीय घाटे पर CAG ने जताई चिंता, सरकार को कर्ज लेने की बजाय राजस्व बढ़ाने की सलाह

सीएजी ने प्रदेश सरकार के बजटीय प्रबंधन को खराब माना है, साथ ही उस पर कई गंभीर प्रश्न भी खड़े कर दिए हैं।

Updated: Jul 07, 2024, 10:09 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार लगातार कर्ज ले रही है। इसमें से अधिकांश धनराशि का उपयोग पुराने कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए ही किया जा रहा है। इस बजटीय कुप्रबंधन पर सीएजी ने भी आपत्ति जताई है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने प्रदेश सरकार के बजटीय प्रबंधन को खराब माना है, साथ ही उस पर कई गंभीर प्रश्न भी खड़े किए हैं।

कैग ने रिपोर्ट में सरकार के बढ़ते राजकोषीय घाटे पर भी चिंता जताते हुए कहा है कि सरकार को ज्यादा कर्ज लेने के बजाय राजस्व बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, नुकसान उठा रहे उपक्रमाें के कामकाज की समीक्षा कर उनमें सुधार की रणनीति बनाई जाना चाहिए। बजट तैयार करने की प्रक्रिया ऐसी हो, ताकि बजट अनुमान और वास्तविक बजट के बीच के अंतर को काम किया जा सके।

रिपोर्ट में कहा गया है कि विभाग न तो राशि खर्च करते हैं और न ही उसे सरेंडर करते हैं। यह स्थिति ठीक नहीं है। रिपोर्ट में सरकार द्वारा अर्जित राजस्व और किए गए खर्च के बीच में अंतर को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य का कुल खर्च वर्ष 2018-19 में 1,72,664 करोड़ से वर्ष 2022-23 में 2,46,692 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। यह 43% तक बढ़ा। वर्ष 2022-23 के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में यह 9.6% बढ़ा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रबंधन ठीक न हो ने से कई विभाग तो व्यय ही नहीं कर पाते हैं। वहीं कई विभागों के पास काम करने के लिए बजट ही नहीं रहता है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में तीन लाख 21 हजार करोड़ रुपये के बजट में से 50 हजार 543 करोड़ (15.71 प्रतिशत ) रुपये बच गए थे। इसमें 22 हजार 984 करोड़ रुपये विभागों द्वारा वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन शासन को लौटाए गए, पर बाकी राशि समर्पित नहीं करने से लैप्स हो गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2022-23 के दौरान केंद्र से 21,237 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। 31 मार्च 2023 को राज्य अंश के रूप में 15,603 करोड़ जमा थे। सरकार द्वारा कोषालय में प्राप्त केंद्र की राशि 19,833 करोड़ और राज्य अंश की‌ राशि 14,298 करोड़ सिंगल नोडल एजेंसी को ट्रांसफर किया गया। इसके बाद राज्य शासन द्वारा जानकारी दी गई कि 31 मार्च 2023 तक सिंगल नोडल एजेंसी के बैंक खाते में 12,081 करोड़ रुपए बगैर खर्च किए पड़े थे। कैग ने रिपोर्ट में इस तरह की स्थितियों पर आपत्ति जताई है।