एग्जाम कैंसिल करें अथवा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करें, पटवारी भर्ती मामले में हाई कोर्ट ने शिवराज सरकार फटकारा

शिवराज सिंह चौहान बताएं कि पटवारी भर्ती परीक्षा में भ्रष्टाचार कर बच्चों के भविष्य पर रोक लगाने का जिम्मेदार कौन, घोटाले की जांच हेतु आयोग को अब तक क्यों नहीं दिया दफ्तर: कांग्रेस

Updated: Jul 31, 2023, 06:41 PM IST

भोपाल। पटवारी भर्ती परीक्षा में हुई धांधली को लेकर प्रदेश की शिवराज सरकार चौतरफा घिरी हुई है। प्रदेशभर के अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इसी बीच अब कोर्ट ने भी शिवराज सरकार को फटकार लगाई है। जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप या तो एग्जाम कैंसिल करें अथवा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करें।

पटवारी भर्ती परीक्षा में 88.86% लाने वाले प्रयाग राज की याचिका पर जबलपुर हाई कोर्ट के जस्टिस एमएस भट्टी की सिंगल बेंच ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार से तीन हफ़्ते के अंदर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता प्रयाग राज के वकील आदित्य सांघी ने बताया कि सीएम चौहान ने 11 जुलाई को ट्वीट कर चयन प्रक्रिया पर स्टे लगाने का ऐलान किया था। अभ्यर्थी ने इस फैसले को चैलेंज करते हुए उच्च न्यायालय ने याचिका दायर किया है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि मैं एक EWS जनरल कैटेगरी का छात्र हूं। कई साल कोचिंग लेने के बाद मैं इस परीक्षा में बैठा। मेरे 88.86 मार्क्स आए। मैं पूरी तरह आशान्वित का की मेरिट के आधार पर मेरी भर्ती होगी। लेकिन अचानक सिर्फ शक के आधार पर सीएम ने चयन प्रक्रिया को स्टे कर दिया।

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वकील आदित्य सांघी ने फोर्ट में तर्क दिया कि संवैधानिक रूप से सीएम को चयन प्रक्रिया पर रोक लगाने का कोई अधिकार नहीं है। चयन प्रक्रिया पर रोक सिर्फ MPESB लगा सकता था, जिसने परीक्षा कराया। एक तो पिछले पांच वर्षों से छात्रों को कोई नौकरियां नहीं मिल रही। एक एग्जाम का रिजल्ट निकला और बच्चे को आशा हुई की मैं पटवारी बनूंगा लेकिन बीच में सीएम कूद गए। यह बच्चों के करियर पर पॉलिटिकल वोट बैंक की राजनीति है। वोट बैंक के चक्कर में बच्चों का भविष्य खराब किया जा रहा है।

उधर, इस मामले में विपक्षी दल कांग्रेस भी हमलावर है। मध्य प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक पी.सी. शर्मा ने सोमवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं एवं विद्यार्थियों के भविष्य के लिए काल बन चुकी भारतीय जनता पार्टी युवाओं को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। व्यापमं घोटाले की हैट्रिक लगाते हुए व्यापम-3 घोटाला, जो कि पटवारी भर्ती परीक्षा के माध्यम से सामने आया है, इसमें भाजपा के नेताओं ने कितने करोड़ का खेल किया है यह भाजपा को बताना चाहिए। शर्मा ने राज्य सरकार से पांच सवाल भी पूछे हैं।

प्रश्न 1: क्या यह सच है कि एक सदस्यीय जांच आयोग को अभी तक दफ्तर नहीं दिया गया है, यदि दफ्तर नहीं दिया गया है तो क्या व्यापमं के कार्यालय में जाकर भाजपा ने उन्हें जांच करने के लिए निर्देशित किया है? क्या भाजपा कार्यालय में कोई जगह उनको दी जा रही है इस बात का जवाब भाजपा दे? 

प्रश्न 2: इस मामले को लेकर जांच आयोग की आड़ में क्या गिरफ्तारियां टालने की कोशिश की गई है? अब तक कितनी गिरफ्तारियां इस मामले में हुई हैं भाजपा इसका जवाब दे?

प्रश्न 3: लाखों बच्चों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए भर्ती पर रोक लगाई गई तो किन भाजपा नेताओं का इसके पीछे हाथ है?

प्रश्न 4: जांच आयोग की ओर से अब तक क्या कोई प्राथमिक रिपोर्ट जारी की गई है और अगर नहीं तो कब तक यह रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी, भाजपा इसका जवाब दे?

प्रश्न 5: 9000 पटवारियों की भर्ती में भारतीय जनता पार्टी ने कितने करोड़ का खेल किया है तथा प्रति पटवारी कितने लाख की बोली लगाई गई है इस बात का जवाब भाजपा और उसके नेता दें?