बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा, लालू यादव ने सीएम नीतीश कुमार से मांगा इस्तीफा

विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर नीतीश सरकार को केंद्र से करारा झटका लगा है। सरकार ने साफ किया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता।

Updated: Jul 22, 2024, 06:14 PM IST

पटना। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग लंबे समय से उठ रही है। सीएम नीतीश कुमार बिहार को स्पेशल स्टेटस दिलाने की लड़ाई के अग्रणी थे। हालांकि, केंद्र की मोदी सरकार ने एक बार फिर नीतीश कुमार को झटका दे दिया है। सरकार बनाने के बाद अब बीजेपी अपना वादा पूरा करने से मुकर गई है।

केंद्र की मोदी सरकार ने साफ कह दिया है कि बिहार को स्पेशल स्टेटस नहीं दिया जाएगा। JDU सांसद रामप्रीत मंडल के सवाल पर केंद्र की तरफ से 22 जुलाई को संसद में जवाब दिया गया। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अपने जवाब में कहा कि विशेष राज्य का दर्जे के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) की तरफ से कुछ जरूरी पैमाने तय किए गए हैं। इसके तहत पहाड़, दुर्गम क्षेत्र, कम जनसंख्या, आदिवासी इलाका, अंतरराष्ट्रीय सीमा, प्रति व्यक्ति आय और कम राजस्व के आधार पर ही राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिया जा सकता है।

केंद्र का रुख सामने आने के बाद अब राज्य में सियासत तेज हो गई है। आरजेडी सुप्रीमो ने नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग कर दी है। रूटीन चेकअप के लिए दिल्ली पहुंचे लालू प्रसाद यादव ने कहा नीतीश कुमार बोले थे कि विशेष राज्य का दर्जा दिलाएंगे। स्पेशल स्टेट का दर्जा तो हम लेकर रहेंगे। अब उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

वहीं, मामले पर जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग बिहार की जनता की आवाज है। जेडीयू ने मांग पत्र नहीं अधिकार पत्र भेजा है। हमने कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष सहायता मिलना ही चाहिए। बता दें, केंद्र की नई सरकार का आम बजट कल पेश होने वाला है।

भारतीय संविधान के आर्टिकल 275 के मुताबिक किसी राज्य को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा दिए जाने के प्रावधान हैं। वर्तमान में देश में कुल 29 राज्य हैं और 7 केंद्रशासित प्रदेश, जिनमें से 11 राज्यों को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा हासिल है, लेकिन अब भी बिहार, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा समेत पांच राज्य हैं जो विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।

आर्टिकल 275 में बताया गया है कि किन स्थितियों में किसी राज्य को यह विशेष दर्जा दिया जा सकता है। इन प्रावधानों के मुताबिक उन राज्यों को यह दर्जा दिया जा सकता है, जहां पहाड़ी या मुश्किल भौगोलिक स्थितियां हों, अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के लिहाज़ से राज्य रणनीतिक महत्व का हो, प्रति व्यक्ति आय बहुत कम हो, आबादी का घनत्व कम हो या आदिवासी बहुल आबादी हो या फिर आर्थिक और संरचनात्मक पिछड़ापन और राजस्व के स्रोतों की कमी हो।