कूनो से भागा चीता ओवान पकड़ा गया, अफ्रीका से आई टीम ने किया ट्रेंकुलाइज, आशा अब भी फरार

श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से पांच दिन पहले निकले चीता ओवान को पकड़कर वापस पार्क में लाया गया है। डॉक्टरों और चीता विशेषज्ञों की टीम ने उसे ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में डाल वापस कूनो ले आए हैं।

Updated: Apr 07, 2023, 01:48 PM IST

श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क से पिछले पांच दिनों से निकले नर चीते ओवान को आखिरकार वापस पार्क में ले आया गया है। चीते द्वारा रिहायशी इलाके में जाने का खतरा बना हुआ था जिसके बाद कूनो प्रबंधन, डॉक्टरों और चीता विशेषज्ञों की मदद से उसे पकड़कर पार्क में ले आई है। चीता ओवान शिवपुरी के जंगल की ओर बढ़ने पर कूनो प्रबंधन द्वारा यह फैसला कर उसे पकड़ा गया। 

कूनो नेशनल पार्क के प्रबंधन टीम से प्राप्त जानकारी के अनुसार चीता ओवान को ट्रेंकुलाइज करने के लिए पहले उसकी घेराबंदी की गई। उसे इस तरह से घेरा गया कि वह उसी दिशा में भागे जहां ट्रेंकुलाइज करने के लिए टीम खड़ी है। चीता उसी दिशा में भागा और इंजेक्शन लेकर खड़ी टीम ने उसे इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया। चीते के बेहोश होते ही सबसे पहले डॉक्टरों की टीम ने उसके पास पहुंचकर जांच की जिसके बाद उसकी आंखों पर पट्टी लगाकर, ड्रिप लगाई। साथ ही उसे सांस लेने में किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए उसे ऑक्सीजन भी लगाई गई थी।

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कूनो प्रबंधन ने डॉक्टरों और चीता विशेषज्ञों की मदद से पकड़े चीता ओवान को ट्रेंकुलाइज करने के बाद सबसे पहले प्राइमरी ट्रीटमेंट दिया गया। उसे किसी तरह की घबराहट ना हो इस बात का भी विशेष ध्यान रखा गया। पहले डॉक्टर्स और चीता विशेषज्ञ उसे स्ट्रेस के डर से ट्रेंकुलाइज नहीं कर रहे थे, लेकिन उसके शिवपुरी जिले के रिहायशी इलाके के गांव में पहुंच जाने के बाद ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा गया और पिंजरे में डालकर वापस कूनो लाया गया। वहीं मादा चीता आशा अभी भी पार्क से बाहर ही है जिस पर वन विभाग के कर्मचारी निगरानी बनाए हुए हैं।

बता दें प्रधानमंत्री मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को रिलीज किया था. वहीं इस तरह से चीतों के पार्क से निकल जाने से पार्क की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे है। वहीं, जंगल से बाहर निकलने के बाद उसकी भी सुरक्षा को लेकर यह कह पाना मुश्किल है कि वह बाहर कितना सुरक्षित है। साथ ही चीते के बाहर आने के बाद आसपास के ग्रामीण भी दहशत में थे।