मध्य प्रदेश के कई शहरों में जहरीली हुई आबोहवा, AQI 300 पार, भोपाल दूसरा सबसे प्रदूषित शहर

दिल्ली की तरह अब मध्य प्रदेश के भी कई शहर गंभीर प्रदूषण की चपेट में आ गए हैं। सबसे खराब स्थिति सिंगरौली की रही, जहां ट्रॉमा सेंटर पर AQI 356 दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे अधिक है।

Updated: Nov 24, 2025, 06:01 PM IST

भोपाल। सर्दियां बढ़ते ही दिल्ली की तरह अब मध्य प्रदेश की आबोहवा जहरीली होने लगी है। राज्य में हवा की गुणवत्ता हर गुजरते दिन के साथ बिगड़ती जा रही है। प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम के ताजा आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश के 98 प्रतिशत शहरों में पीएम 2.5, यानी धूल के बारीक कणों का स्तर बढ़ा हुआ है।

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सबसे खराब स्थिति सिंगरौली की है, जहां ट्रॉमा सेंटर पर AQI 356 दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे अधिक है। वहीं भोपाल प्रदेश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। यहां तीन प्रमुख स्थानों-पर्यावरण परिसर में 303, कलेक्टोरेट में 321 और टीटी नगर में 347 AQI रिकॉर्ड किया गया। तीनों स्थान वेरी पुअर श्रेणी में शामिल हैं। इन तीनों की तुलना में टीटी नगर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब पाई गई है।

ग्वालियर में भी स्थिति बेहद चिंताजनक है। यहां महाराज वाड़ा में 308, डीडी नगर में 309 और सिटी सेंटर में 243 AQI मिला। इनमें से महाराज वाड़ा और डीडी नगर की हवा बेहद खराब श्रेणी में रही, जबकि सिटी सेंटर कुछ कम प्रदूषित, लेकिन पुअर कैटेगरी में रहा। 

इंदौर में अलग-अलग स्थानों पर अलग स्थिति देखने को मिली। यहां छोटी ग्वालटोली में 304 AQI वेरी पुअर रहा, जबकि एयरपोर्ट पर 155, रेसीडेंसी एरिया में 103 और खंडवा रोड के आसपास 155 के आसपास AQI मॉडरेट मिला।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि ठंड के सीजन में वाहनों से निकलने वाली हानिकारक गैस एक्सपेंड नहीं हो पातीं व वायुमंडल में ठहरी रहती हैं। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, गैस व धूल के कण वायुमंडल में देर तक ठहरते हैं। इससे AQI बढ़ता है। इसी के साथ अधिक कोहरे की वजह से भी कई बार वायुमंडल में मौजूद हानिकारक गैस डिजॉल्व नहीं हो पाती हैं।