जम्मू के रतले हाइड्रो प्रोजेक्ट में मजदूर बन काम कर रहे 29 आतंकी, खुलासे के बाद मचा हड़कंप

पुलिस ने कंपनी से इन कर्मचारियों पर निगरानी रखने और कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आने पर तुरंत सूचना देने को कहा है।

Updated: Dec 19, 2025, 06:33 PM IST

किश्तवाड़। जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में चल रहे रतले हाइड्रो प्रोजेक्ट को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हाइड्रो प्रोजेक्ट में बड़ी संख्या में आतंकी मजदूर बनकर काम कर रहे हैं। करीब 29 लोग ऐसे हैं जो या तो आतंकी है या उनका आतंकियों से संपर्क है। इस खुलासे के बाद जम्मू से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया है।

किश्तवाड़ जिले में चिनाब दरिया पर निर्माणाधीन 850 मेगावाट की रतले जल विद्युत परियोजना में आतंकी संगठनों से जुड़े या फिर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 29 लोगों का खुलासा जम्मू पुलिस ने किया है। जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआइएल ) को इस संबंध में पत्र लिखा गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने कहा कि इनकी भर्ती से प्रोजेक्ट की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। किश्तवाड़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नरेश सिंह ने एमईआईएल के जनरल मैनेजर को संबोधित पत्र में लिखा कि स्थानीय निवासियों की रूटीन पुलिस वेरिफिकेशन के दौरान संबंधित थानों से रिपोर्ट आई, जिसमें इन 29 लोगों का नाम शामिल है। पत्र में इनके नामों की सूची संलग्न थी।

एसएसपी ने जलविद्युत परियोजनाओं की रणनीतिक और राष्ट्रीय महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ये दुश्मन देश के लिए उच्च जोखिम वाले लक्ष्य हैं। इसलिए ऐसे कर्मचारियों की भर्ती पर पुनर्विचार करने की जरूरत है, क्योंकि ये कुछ भी कर सकते हैं और प्रोजेक्ट के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। पुलिस ने कंपनी से इन कर्मचारियों पर निगरानी रखने और कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आने पर तुरंत सूचना देने को कहा है।

ये सभी 29 लोग जूनियर पदों पर कार्यरत हैं। पांच को आतंकी संपर्क वाला बताया गया है। इनमें क्षेत्र के एक पुराने आतंकी के तीन रिश्तेदार, एक संदिग्ध ओवरग्राउंड वर्कर का बेटा और एक सरेंडर आतंकी का बेटा शामिल है। एक व्यक्ति पर पानी के स्रोत दूषित करने और दस्तावेज जालसाजी का आरोप है, जबकि बाकी 23 का आपराधिक पृष्ठभूमि है।

इस प्रोजेक्ट में नियुक्ति श्रमिकों को लेकर बीजेपी की किश्तवाड़ से विधायक शगुन परिहार भी आरोप लगा चुकी हैं। अब उन्होंने कहा है कि पुलिस के पत्रों से उनके आरोपों की पुष्टि होती है। बता दें कि जम्मू कश्मीर में जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण पर पाकिस्तान हमेशा से ही आपत्ति जताता आया है। जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकी भी इन जलविद्युत परियोजनाओं को नुक्सान पहुंचाने का षड्यंत्र रचते रहे हैं। आपरेशन सिंदूर के बाद इन जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने पहले से ही एक अलर्ट जारी कर रखा है।