अंबिकापुर में रेबिज संक्रमित बकरे की दी गई बली, 400 ग्रामीणों ने किया सेवन, पूरे गांव में टेंशन का माहौल

अंबिकापुर में निकासी पूजा के दौरान रेबीज संक्रमित कुत्ते द्वारा काटे गए बकरे की बलि दी गई और उसका मांस करीब 400 ग्रामीणों को प्रसाद के रूप में खिलाया गया। घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई है।

Updated: Dec 30, 2025, 05:38 PM IST

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर से लगे ग्राम सरगंवा में निकासी पूजा के दौरान लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां रेबीज संक्रमित कुत्ते द्वारा काटे गए बकरे की बलि दी गई और उसी का मांस करीब 400 ग्रामीणों को प्रसाद के रूप में खिला दिया गया। यह घटना बीते 28 दिसंबर की बताई जा रही है।  इसके बाद से पूरे गांव में दहशत और नाराजगी फैल गई है। ग्रामीण स्वास्थ्य खतरे को लेकर चिंतित हैं और कई लोग रेबीज वैक्सीन लगवाने की तैयारी में हैं।

जानकारी के मुताबिक, निकासी पूजा के समय हर साल की तरह इस बार भी बलि दी गई थी। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच नारायण प्रसाद और उपसरपंच कृष्णा सिंह ने उस बकरे को बलि के लिए इस्तेमाल किया जिसे कुछ दिन पहले एक रेबीज संक्रमित कुत्ते ने काटा था। आरोप है कि बकरे की स्थिति की जानकारी होने के बावजूद इसे खरीदा गया और पूजा में उपयोग किया गया। बलि के बाद मांस प्रसाद के रूप में बांटा गया और लगभग 400 पुरुषों ने उसका सेवन किया। बाद में जब बकरे के बारे में सच्चाई सामने आई तो गांव में अफरा-तफरी मच गई।

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घटना के बाद ग्रामीणों ने सरपंच और उपसरपंच पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि यह जानबूझकर की गई लापरवाही है। दोनों जनप्रतिनिधि इस मामले पर बोलने से बच रहे हैं जबकि ग्रामीण पुलिस शिकायत की तैयारी कर रहे हैं। इस घटना के बाद गांव में संक्रमण को लेकर गहरा डर बैठ गया है और लोग मानसिक रूप से परेशान हैं। ग्रामीणों ने तत्काल स्वास्थ्य शिविर की मांग की है ताकि जांच और उपचार शुरू हो सके।

घटना की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सरगंवा गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाने की तैयारी कर ली है। अधिकारियों के अनुसार, शिविर में ग्रामीणों की जांच, चिकित्सकीय सलाह और आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था की जाएगी। फिलहाल गांव इस इंतजार में है कि प्रशासन आरोपियों पर क्या कार्रवाई करता है और इस लापरवाही को लेकर क्या कदम उठाए जाते हैं।

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