आदित्य L1 की लॉन्चिंग के लिए काउंटडाउन शुरुः, कल सूर्य की तरफ उड़ान भरेगा ISRO का आदित्य L1
आदित्य L1 सूर्य व पृथ्वी के बीच के मुख्य बिंदू L1 बिंदु पर भेजा जाएगा। भारत का अंतरिक्ष में भेजा जा रहा यह पांचवा मिशन है।

आदित्य L1: चंद्रयान 3 की सफलता के बाद पूरे देशवासियों की नजर अब आदित्य L-1 पर है। इसके लॉन्च के लिए इसरो ने काउंटडाउन शुरु कर दिया है। कल इस मिशन को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। भारत का यह पहला सोलर मिशन होगा। ये पृथ्वी से बाहर निकलकर सूर्य की ओर 15 लाख किमी की दूरी तय करेगा। आदित्य एल1 ये दूरी चार महीने में तय करेगा। यह पांच साल तक अंतरिक्ष में रहकर सूर्य से संबंधी डेटा इकट्ठा करेगा।
आदित्य L-1 भारत का एक महत्वपूर्ण स्पेस मिशन है। 23 अगस्त को चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के बाद इसरो इस मिशन के लिए और भी अधिक उत्साहित है। ये भारत का पांचवां अंतरिक्ष और पहला सोलर मिशन है। इस लिहाज से ये अबतक का सबसे बड़ा मिशन होगा। कल सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आदित्य L-1 श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेगा।
ये अंतरिक्ष यान पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेगा। हालांकि पृथ्वी से सूर्य की दूरी 150 मिलियन किलोमीटर है जो पृथ्वी से L1 पाइंट की दूरी के 100 गुना अधिक है। बताते चलें लग्रांज L पाइंट पे बिंदु होते हैं जहां पृथ्वी और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल बैलेंस होता है। पृथ्वी व सूर्य के बीच पांच ऐसे बिंदु हैं। जिन्हें क्रमशः L1,L2, L3, L4 और L5 नाम दिया गया है।
मिशन 4 महीने की लंबी दूरी के बाद लग्रांज 1 या L1 बिंदु पर पहुंचेगा। ये बिंदु पृथ्वी और सूर्य के बीच मौजूद है। इसरो के आदित्य-L1 मिशन में पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) 1,475 किलोग्राम वजनी अंतरिक्ष यान लेकर उड़ान भरेगा। इस अंतरिक्ष यान में सात वैज्ञानिक उपकरण लगे हैं जो यान की रफ्तार और रास्ते को बढ़ाने में मदद करेंगे। L1 बिंदु तक पहुंचने में लगभग चार महीने का समय लगेगा।
PSLV-C57/Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) September 1, 2023
The 23-hour 40-minute countdown leading to the launch at 11:50 Hrs. IST on September 2, 2023, has commended today at 12:10 Hrs.
The launch can be watched LIVE
on ISRO Website https://t.co/osrHMk7MZL
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L1 बिंदु पर पहुंचने के बाद यह चारों ओर एक हैलो पथ में डाल दिया जाएगा और वहां पर पांच साल तक डेटा इकट्ठा करता रहेगा। L1 बिंदु पर आदित्य को ऊर्जा आसानी से मिलती रहेगी जिससे यह यहां आराम से पांच साल टिक सकेगा। इससे मिले डेटा के माध्यम से हमारी इस ब्रह्मांड की समझ और बड़ेगी। सूर्य के अध्ययन से हमें अंतरिक्ष में होने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी मिलेगी। इसके अलावा मैग्नेटिक फील्ड और सोलर विंड जैसी चीजों की स्टडी भी आदित्य L1 करेगा।
बता दें भारत इसके पहले चार अंतरिक्ष यान भेज चुका है। यह भारत का पांचवा अंतरिक्ष मिशन है। पहला मिशन इसरो ने चंद्रयान 1 नाम से 1 अक्टूबर 2008 में भेजा था। दूसरा मिशन मास आर्विटर 5 नवंबर 2013 में भेजा गया था। इसके बाद तीसरा मिशन चंद्रयान 22 जुलाई 2019 में भेजा गया था। और हाल ही में चौथा मिशन 14जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 के नाम से भेजा था।