MP में 1 मई से पांच चरणों में होगा सहकारी समितियों का इलेक्शन, 2013 से नहीं हुए थे चुनाव
MP में 4500 सहकारी समितियों के चुनाव का शेड्यूल जारी, 1 मई से सितंबर के बीच 5 फेज में होगी वोटिंग

भोपाल। मध्य प्रदेश में सहकारी समितियों के चुनाव का ऐलान हो गया है। राज्य में 1 मई से सितंबर के बीच पांच चरणों में 4500 सहकारी समितियों के चुनाव होंगे। एमपी के राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी एमबी ओझा ने चुनावों का शेड्यूल जारी किया है। बता दें कि सहकारी समितियों के चुनावों के लिए हाईकोर्ट की तरफ से सख्त निर्देश दिए गए थे, जिसके बाद चुनाव का कार्यक्रम तय किया गया है।
पांच चरणों में सभी सहकारी समितियों का चुनाव कराया जाएगा। इसके बाद जिला सहकारी बैंक और अपेक्स बैंक के संचालक मंडल के चुनाव भी मध्य प्रदेश में होंगे। क्योंकि यह चुनाव 2013 के बाद से नहीं हुए हैं। इन चुनावों का इंतजार भी लंबे समय से किया जा रहा है। भले ही सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने सहकारी समितियों के चुनाव का कार्यक्रम जारी कर दिया हो लेकिन, भाजपा और कांग्रेस के सहकारी नेताओं को इस बात का भरोसा नहीं हैं कि सरकार वास्तव में चुनाव कराएगी।
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मध्य प्रदेश में 4500 सहकारी समितियां हैं। 38 जिला सहकारी बैंक और प्रदेश स्तर पर एक अपेक्स बैंक है। इन 4500 सहकारी समितियों में करीब 53 हजार सदस्य बनेंगे। सबसे अहम 38 जिला सहकारी बैंकों में अध्यक्ष और संचालक मंडल के चुनाव होंगे। यानी 55 हजार से ज्यादा लोगों को इन समितियों में एडजस्ट करने का मौका मिलेगा। सहकारी समितियों के चुनावों के लिए हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने अब चुनाव कार्यक्रम जारी किया है। महाधिवक्ता कार्यालय ने इन चुनावों को अति आवश्यक बताते हुए पांच चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया है।
बता दें कि प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के चुनाव आखिरी बार 2013 में हुए थे। इन समितियों का कार्यकाल 2018 में खत्म हो चुका है। कार्यकाल खत्म होने के छह महीने पहले ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। चुनाव न होने की स्थिति में अधिकतम छह महीने तक कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। लेकिन, करीब तीन सालों से चुनाव टलते जा रहे हैं। सहकारी समितियों में प्रशासकों के भरोसे काम चल रहा है।