MP में आया एक और बड़ा फर्जीवाड़ा, शिक्षा विभाग में हुई फर्जी अनुकम्पा नियुक्तियां
मध्य प्रदेश के रीवा जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अनुकंपा नियुक्तियां दी गईं। कम से कम 6 लोगों को इस तरह से नौकरी मिली, जबकि उनके माता-पिता जीवित थे।

रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पिछले एक साल में पांच लोगों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई। हैरानी की बात यह है कि उनके माता-पिता जीवित थे और उन्होंने कभी भी राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग में काम नहीं किया था। इन नियुक्तियों के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए गए, जिसमें फर्जी माता-पिता की मृत्यु दिखाई गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दरअसल पिछले एक साल में 36 अनुकंपा नियुक्तियां सामने आई हैं, सभी को नोटिस दिया। कागजात सहित जिला शिक्षा कार्यालय बुलाया गया, लेकिन 10 नहीं पहुंचे। उनके कागजात जांचे तो छह पूरी तरीके से फर्जी निकले। वहीं 4 अभी संदिग्ध हैं। यह सारे मामले सिर्फ एक साल में दी गई अनुकंपा नियुक्ति के हैं। खुलासे के बाद अब पुराने प्रकरण भी संदेह के घेरे में हैं।
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इस घोटाले के सामने आने के बाद, रीवा के संभागीय आयुक्त ने पिछले तीन वर्षों में अनुकंपा के आधार पर की गई सभी नियुक्तियों की जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली जिलों में होगी। उधर, एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस इन फर्जी नौकरी लेने वालों की तलाश में जुट गई है।
रीवा के संभागीय आयुक्त बी.एस. जामोद ने मीडिया को बताया कि उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग में पिछले तीन सालों में अनुकंपा के आधार पर हुई सभी नियुक्तियों की जांच के आदेश दिए हैं। जिले के SDM जांच का नेतृत्व करेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग और खजाना विभाग के एक-एक अधिकारी टीम के सदस्य होंगे। उन्हें 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है। रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। इसके साथ ही रीवा के जिला शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।